चोह्दवीं की रात है और घुप्प अंधेरा
कायनात में मेरी बदला गया है चाँद
तुम अचानक आ गयी हो रात के दूजे पहर
देख कर चेहरा तेरा पगला गया है चाँद
तेरे माथे पर सिमट आया है जीवन
सुर्ख़ पा वन चांदनी पिघला गया है चाँद
पलकें झुकाए थाल पूजा का उठाये
रूप सादगी भरा नहला गया है चाँद
देर तक करता था मैं दादी से बातें
उम्र का है असर या धुँधला गया है चाँद
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल आज 24-- 11 - 2011 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं...नयी पुरानी हलचल में आज ..बिहारी समझ बैठा है क्या ?
देर तक करता था मैं दादी से बातें
जवाब देंहटाएंउम्र का है असर या धुँधला गया है चाँद
bahut sunder ...
आहा!!
जवाब देंहटाएं"हर शेर बयाने खुबसूरत की अमासिल हैं,
हर शेर रु-ए-खुद सा उजला गया है चाँद"
(गुस्ताखी माफ़ सर...)
बहुत बेहतरीन... आनंद आ गया...
सादर...
बहुत ही खूबसूरत गज़ल है ! जिसे देख कर चाँद भी पगला जाये उसका दीदार कितना बेमिसाल होगा ! बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंतेरे माथे पर सिमट आया है जीवन
जवाब देंहटाएंसुर्ख़ पा वन चांदनी पिघला गया है चाँद
लाजवाब लिखे हैं सर!
सादर
चाँद तो है ही ऐसा.....ऐसाइच होता है यह चाँद.
जवाब देंहटाएंपर..... जिस रूप में बुलाओ आ जाता है.दादी जरूर दिखती होगी उसके किसी रूप में.
कितनी मुश्किल से मिले हैं आप. सब बुकमार्क डिलीट हो गये थे.
थेंक्स इस चाँद को जैसे धीरे धीरे बादलों से निकल आया.बोला-'मैं यहाँ हूँ इंदु ! तु भी तो चाँद है मेरी तरह.आ देख बाबु ने एक कविता लिखी है और.......उसमे चाँद का ज़िक्र है चाँद सी दादी का.
अच्छा लगा पढकर.यूँ किसी ने याद न किया होगा अपने पापा की मम्मी को'
मैंने कहा-'चाँद! यह रचनाकार कुछ अलग सा है.न शब्दों से खेलने वाला शब्दों का खिलाड़ी है, न शब्दों
को रंगने वाला कलाकार.अपनी रचना के हर शब्द में में बस खुद होता है.'
तुम अचानक आ गयी हो रात के दूजे पहर
जवाब देंहटाएंदेख कर चेहरा तेरा पगला गया है चाँद
wah !!!
Bahut khub sirji
बहुत ही खूबसूरत गजल लिखी है आपने मजा आ गया।
जवाब देंहटाएंचाँद आपका संगीता जी की हलचल पर है खिला
जवाब देंहटाएंपोस्ट पढकर आपकी बहुत आनंद मुझको मिला.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार जी.
चाँद धुँधला लगने का कारण है.उचित ही है !
जवाब देंहटाएंधुंधलके में भी,आपकी गज़ल का
जवाब देंहटाएंचांद चमक रहा है.
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंधुँधले चाँद की ख़ूबसूरती देखने लायक होती है. सुंदर ग़ज़ल.
जवाब देंहटाएं