मेरे घर के सामने से, तुम जो गुज़रो मुसाफिर,
ठहर जाना पल दो पल पीपल की ठंडी छाँव में....
हो भला सूखे हुवे पत्तों की आवाज़ें वहाँ,
टकटकी बांधे हुवे बूढा खड़ा होगा जहाँ,
रात में घर लौट कर पंछी न कोई आएगा,
सुबह से ही गीत कोई विरह के फ़िर गायेगा,
कुछ उदास चूड़ियाँ खनकेंगी तुम को देख कर,
खिड़कियों से झांकती आँखें मिलेंगी गाँव में,
ठहर जाना पल दो पल पीपल की ठंडी छाँव में....
लौट कर आती हुई लहरों से तुम फ़िर पूछना,
साहिलों की रेत में उनका निशां तुम ढूंढ़ना,
पूछना उस हवा से आयी है जो छु कर उन्हे,
क्या कभी भी याद आता है पुराना घर उन्हे,
तोड़ न देना वो दिल, पूछे जो तुमसे चीख कर,
कहाँ हैं वो मुसाफिर बैठे थे कल जो नाव में,
ठहर जाना पल दो पल पीपल की ठंडी छाँव में....
एक अच्छी रचना के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
सुन्दर ! बहुत अच्छी लगी आपकी कविता !
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
ek acchi rachna jo khub saari bahvnaaye samaete hui hai.....
जवाब देंहटाएंdil ko chuti hai.....
"पूछना उस हवा से आयी है जो छु कर उन्हे,
जवाब देंहटाएंक्या कभी भी याद आता है पुराना घर उन्हे,"
Bahut acha ban pada hai
bahut sundar bhav badhai
जवाब देंहटाएंकुछ उदास चूड़ियाँ खनकेंगी तुम को देख कर,
जवाब देंहटाएंखिड़कियों से झांकती आँखें मिलेंगी गाँव में,
ठहर जाना पल दो पल पीपल की ठंडी छाँव में
भाई क्या कहूँ...??? लाजवाब रचना...वाह वा...
नीरज
जीवन की िविवध िस्थितयों को सुंदरता से शब्दबद्ध किया है । अच्छा िलखा है आपने । भाव और िवचारों का अच्छा समन्वय है । मैने अपने ब्लाग पर एक लेख िलखा है-आत्मिवश्वास के सहारे जीतें िजंदगी की जंग-समय हो तो पढें और प्रितिक्रया भी दें-
जवाब देंहटाएंhttp://www.ashokvichar.blogspot.com
आपकी यह रचना मुझे व्यक्तिगत रूप से काफी पसंद आई..!!! औरों से भी ज्यादा..!!!
जवाब देंहटाएंशनिवार १७-९-११ को आपकी पोस्ट नयी-पुरानी हलचल पर है |कृपया पधार कर अपने सुविचार ज़रूर दें ...!!आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण उत्तम रचना |मन को छू गयी |
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी |
आशा
पूछना उस हवा से आयी है जो छु कर उन्हे,
जवाब देंहटाएंक्या कभी भी याद आता है पुराना घर उन्हे,
बहुत बढ़िया सर!
सादर
कुछ ..ठहर सा गया . पल दो पल के लिए नहीं...
जवाब देंहटाएंछना उस हवा से आयी है जो छु कर उन्हे,
जवाब देंहटाएंक्या कभी भी याद आता है पुराना घर उन्हे,
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
कितना सुन्दर, सरस प्रवाही गीत...
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...