सोमवार, 20 दिसंबर 2010
अधूरा सत्य
साथियो ये मेरी इस साल कि अंतिम रचना है ... २३ दिसंबर से १ जनवरी तक दिल्ली, फरीदाबाद की सर्दी का मज़ा लूटूँगा ... आप सब को नया साल बहुत बहुत मुबारक ...
तुम्हारे कहने भर से क्यों मान लूं
मैं झूठ बोलता हूँ
माना कुछ बातें सच नही होतीं
पर वो झूठ भी तो नहीं होतीं
मेरे बोले बहुत से सत्य
तुमने पूर्णतः सत्य नहीं माने
जबकि तुम्हारा अन्तः-करण यही चाहता है
कुछ अधूरे सत्य स्थापित हैं इतिहास में
अधूरे झूठ की तरह
क्या इतिहास बदलने वाले झूठ पूर्णतः झूठ हि माने जाएँगे
क्या सत्य मान कर बोले गये झूठ
झूठ हि कहलाएँगे
क्या अश्वथामा की मौत पर
युधिष्ठर से बुलवाया गया सत्य
सत्य की आड़ में बोला गया झूठ था
या झूठ की दहलीज़ पर खड़े हो कर बोला गया सत्य …
धर्म की स्थापना के लिए बोला गया झूठ
या सत्य की अवमानना को बोला गया सत्य …
क्या ये सत्य नही
प्रकाश के आने पर अंधकार लुप्त हो जाता है
और इस बात को तुम क्या कहोगी
अंधकार बढ़ते बढ़ते प्रकाश को लील लेता है
फिर सत्य क्या है और झूठ क्या
ये जीवन जो माया है
या माया जो जीवन निर्धारित करती है
जैसे कुछ अधूरे सत्य स्थापित हैं इतिहास में
ऐसे अधूरे सत्य मैं तुमसे बोलता हूँ
जिन्हे तुम झूठ समझती हो और मुझे ...... झूठा
वैसे तुमने तो आज तक
इस पूर्णतः सत्य को भी सत्य कब माना
जब मैने तुमसे कहा था
जब कभी मैं तुम्हें देखता हूँ
तुम्हारा सादगी भरा
पलकें झुकाए
पूजा की थाली लिए
गुलाबी साड़ी में लिपटा रूप
मेरे सामने आ जाता है...
जबकि तुम जानती हो
एक यही सत्य मेरे जीवन का सबसे बड़ा सत्य है
और तुम्हारे लिए ...
.....
.....
झूठ-मूठ हि बोला झूठ
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और तुम्हारे लिए ...
जवाब देंहटाएं.सिर्फ ....
...और सिर्फ ..
झूठ-मूठ हि बोला झूठ
नासवा साहब, स्वदेश आगमन पर आपका स्वागत, उम्मीद है भाभी जी, आपके इस सत्य को इस बारी इतने हलके- फुल्के में नहीं लेंगी :)
नव-बर्ष की आपको भी अग्रिम बधाई, और शुभकामनाये !
जवाब देंहटाएंकुछ सत्य झूठ से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं ।
जवाब देंहटाएंकुछ झूठ सत्य से भी ज्यादा असरदार होते हैं ।
फैसला तो खुद को ही करना पड़ता है ।
दिल्ली की सुहानी सर्दियों में आपका स्वागत है।
न तो कुछ पूर्ण सत्य है , न ही पूर्ण असत्य ।
जवाब देंहटाएंबस फिफ्टी-फिफ्टी है सब ।
नए वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं।
जबकि तुम जानती हो
जवाब देंहटाएंएक यही सत्य मेरे जीवन का सबसे बड़ा सत्य है
और तुम्हारे लिए ...
.....
.....
झूठ-मूठ हि बोला झूठ
kitni pyare sabd hain........:)
sach me aapke kalam me jadu hai...
ab ek baar hamare blog pe aaiye na..
आदरणीय नासवा जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
नया साल बहुत बहुत मुबारक........अग्रिम शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंनया साल बहुत बहुत मुबारक ...
जवाब देंहटाएंमगर अभी तो मुलाकात होना है.
इन्तजार रहेगा.
... bahut sundar ... behatreen rachanaa !!!
जवाब देंहटाएंसच और झूठ....जब समय और प्रसंग के अनुरुप बोले जाते है, तभी उनका सही मूल्यांकन होता है!...युधिष्ठीर का उदाहरण आपने बिलकुल सही दिया है!...उत्तम काव्य रचना!...आप को भी नया साल बहुत बहुत मुबारक!
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना ..और आपकी छुट्टियाँ आनंद दायक हों ..ढेर सारी शुभकामनाये ...नव वर्ष की मंगल कामनाएं.
जवाब देंहटाएंपूर्ण सत्य केवल ईश्वर है ! बाकि सब या असत्य या आधा सत्य है !
जवाब देंहटाएंbahut sundar..
जवाब देंहटाएंmere blog par bhi kabhi aaiye
Lyrics Mantra
shukriya aapke comment ke liye..
जवाब देंहटाएंsamwaad jaari rakhiye ga...
:)
Paheli-si lagee ye rachana!
जवाब देंहटाएंNaya saal aapko bhee bahut,bahut mubarak ho!
छोटे छोटे तथ्य ही बड़े सत्य हो जाते हैं।
जवाब देंहटाएंअन्तिम पंक्तियां मन को छूने वाली हैं>.
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंहिंदी मे ब्लॉग लिखती नारी की अद्भुत रचना यहाँ पढे
।
kashamkash ki sundar abhivyakti..
जवाब देंहटाएंkya sach kya jhooth..pyar me jo bhi ho..
nav varsh ki shubhkamna apko bhi.
कुछ अधूरे सत्य स्थापित हैं इतिहास में
जवाब देंहटाएंअधूरे झूठ की तरह
sahi aaklan
स्वागत है अपने देश मे. अपकी छूट्टियां खुशियों भरी हो.
जवाब देंहटाएंजबकि तुम जानती हो
जवाब देंहटाएंएक यही सत्य मेरे जीवन का सबसे बड़ा सत्य है
और तुम्हारे लिए ...
बहुत बहुत बढ़िया ..बेहतरीन लिखा है
क्या ये सत्य नही
जवाब देंहटाएंप्रकाश के आने पर अंधकार लुप्त हो जाता है
और इस बात को तुम क्या कहोगी
अंधकार बढ़ते बढ़ते प्रकाश को लील लेता है
फिर सत्य क्या है और झूठ क्या
ये जीवन जो माया है
या माया जो जीवन निर्धारित करती है
sikke ke dono pahlu hain , kabhi ye kabhi wo ...
बेहद खूबसूरती से आपने सत्य-असत्य को परिभाषित किया है. जीवन माया है, या माया जो जीवन निर्धारित करती है. बहुत सुन्दर लगी आपकी यह कविता. बार- बार पढ़ी हूँ. देखा जाये तो सत्य असत्य के मायने बदलते रहते है, जरूरी ये है कि आप किस सन्दर्भ में उसे देखना पसंद करते है.
जवाब देंहटाएंझूठ मूठ ही कह रहे हैं या सचमुच। बहरहाल नववर्ष की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंअद्भुत शब्द-चित्रण...
जवाब देंहटाएंनासवा जी राम-राम,
1 -1-11 की 11 दिन पहले ही शुभकामनाये स्वीकार करे...
कविता पढ़ कर तो हर सत्य पर सोचने पर मजबूर सा पाया खुद को....
कुंवर जी,
दिगम्बर नासबा जी सबसे पहले मेरे ब्लाग पर टिप्पणी करने एवं मेरा हौसला बढ़ाने के लिए शुक्रिया। आशा करता हुॅं कि आगे भी आपका प्यार इसी तरह से आगे भी मिलता रहेगा। सत्य तो सत्य होता है झुठ उस पर कभी हावी नही हो सकता है। झुठ तो उस बादल की तरह होता है जो क्षण भर के लिए फैलता है पर सत्य उस सुरज की तरह होता है जो हमेशा चमकता रहता है।
जवाब देंहटाएंअगर असत्य ना होता तो सत्य का भी कोई मूल्य ना होता
जवाब देंहटाएंबेहतरीन !
जवाब देंहटाएंअवकाश और नववर्ष की शुभकामनाएं.
दुःख का कारण सिर्फ यही है
जवाब देंहटाएंसही गलत है गलत सही है।
क्या ये सत्य नही
जवाब देंहटाएंप्रकाश के आने पर अंधकार लुप्त हो जाता है
और इस बात को तुम क्या कहोगी
अंधकार बढ़ते बढ़ते प्रकाश को लील लेता है
फिर ..'सत्य क्या है और झूठ क्या
सच कहा है कि ये जीवन माया है '
***वाह! बहुत ही सुन्दर कविता लिखी है.
आप 'विंटर वकेशन' भारत में मनाने जा रहे हैं जानकार खुशी हुई ,इस बार दिल्ली /फरीदाबाद में सर्दी बहुत है .
भारत प्रवास और नववर्ष के लिए भी अग्रिम बहुत बहुत शुभकामनाएँ .
जबकि तुम जानती हो
जवाब देंहटाएंएक यही सत्य मेरे जीवन का सबसे बड़ा सत्य है
और तुम्हारे लिए ...
.....
.....
झूठ-मूठ हि बोला झूठ
वाह क्या खूब लिखा है ………धमाकेदार है एक ही रचना मे कयी आयाम हैं……………झूठ और सच के समीकरण के साथ ज़िन्दगी के समीकरण को बैठाना कोई आपसे सीखे।
नया साल बहुत बहुत मुबारक....
आप की यात्रा मंगल मय हो हम सब की शुभकामनाऎ, वेसे सर्दी का असल मे मजा लूटना हे तो हमारे यहां आईये ओर देखे एक घंटा भी आप घर से बाहर केसे रहते हे..... बाप रे आज -१३c हे इस समय, रात को मीटर ओर भी नीचे जायेगा. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपकी इस सुन्दर और सशक्त रचना की चर्चा
जवाब देंहटाएंआज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
http://charchamanch.uchcharan.com/2010/12/375.html
saty asty kee seemao ka milan ya vilay.......kya ye jaan pana aasan hai...?
जवाब देंहटाएंgahre bhavo kee abhivykti......
happy holidays.....
दार्शनिक अंदाज़ में लिखी गई रचना मन में गहरे तक पैठती है।
जवाब देंहटाएंजब कभी मैं तुम्हें देखता हूँ
जवाब देंहटाएंतुम्हारा सादगी भरा
पलकें झुकाए
पूजा की थाली लिए
गुलाबी साड़ी में लिपटा रूप
मेरे सामने आ जाता है...
क्या बात है. आपका जवाब नहीं.
क्या अश्वथामा की मौत पर
जवाब देंहटाएंयुधिष्ठर से बुलवाया गया सत्य
सत्य की आड़ में बोला गया झूठ था
या झूठ की दहलीज़ पर खड़े हो कर बोला गया सत्य …
धर्म की स्थापना के लिए बोला गया झूठ
या सत्य की अवमानना को बोला गया सत्य
बहुत बढ़िया नासवा जी
इन बातों का उत्तर है समझना , जानना , खोजना एक कठिन प्रक्रिया है ,देखें कब ढूंढ पाते हैं हम
इन सारी टिप्पणियों में मनोज कुमार की टिप्पणी इसलिए भा गई कि उन्होंने दार्शनिकता की पहचान कर ली !
जवाब देंहटाएंसच और झूठ का विचार संभवतः पारस्परिकता की वज़ह से ही चीन्हा जाता है वर्ना बड़ा संभ्रम है उसका सच,मेरा झूठ,मेरा सच,उसका झूठ भी हो सकते हैं !
प्रेम में मेरी कहन और उसकी कहन के बड़े बारीक से धागे ( सच /झूठ ) को पकड़ कर आपने कविता लिखी , मुझे बहुत पसंद आई पर ...
आपसे एक बात पूछने की ख्वाहिश है जो दबाए नहीं दब रही...
तुम्हारा सादगी भरा
पलकें झुकाए
पूजा की थाली लिए
गुलाबी साड़ी में लिपटा रूप
आपकी एकाधिक कविताओं में प्रेमिका इसी रूप में नज़र आती है क्या कोई खास वज़ह ? :)
नव-बर्ष की आपको भी अग्रिम बधाई, और शुभकामनाये !
जवाब देंहटाएंमाना कुछ बातें सच नही होतीं
जवाब देंहटाएंपर वो झूठ भी तो नहीं होतीं
मेरे बोले बहुत से सत्य
तुमने पूर्णतः सत्य नहीं माने
जबकि तुम्हारा अन्तः-करण यही चाहता है
कई बार हम अपने अहम मे सच को देखना ही नही चाहते। चाहे दिल से सच झूठ का पता भी हो। बहुत सुन्दर रचना। आपको नववर्ष की अग्रिम बधाई शुभकामनायें।
कई सवाल छोड़ती हुई भावपुर्ण कविता . नववर्ष की शुभकामनायेँ।
जवाब देंहटाएंआपके बहाने एक सीख भी मिली, शुक्रिया।
जवाब देंहटाएं---------
आपका सुनहरा भविष्यफल, सिर्फ आपके लिए।
खूबसूरत क्लियोपेट्रा के बारे में आप क्या जानते हैं?
सत्य क्या और झूठ क्या ...
जवाब देंहटाएंसब आधे आधे हैं!
सुन्दर रचना!
अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"
जवाब देंहटाएंसत्य असत्य के मायने खोजती रचना!!
जवाब देंहटाएंनासवा जी, यह तो ज्ञानगम्भीर अभिव्यक्ती है। शानदार सत्यशोध।
और हाँ, आप आनंद से छुट्टीयों का शीतानंद लें। नववर्ष की आपको भी शुभकामनाएँ!!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसत्यम ब्रूयात प्रियं ब्रूयात , असत्यम प्रियं ना ब्रूयात .
जवाब देंहटाएंaapko bhi nya varsh mubarak ho...sundar rachna.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना से वर्ष का समापन ,नये साल की अग्रिम बधाई ।
जवाब देंहटाएंजब कभी मैं तुम्हें देखता हूँ
जवाब देंहटाएंतुम्हारा सादगी भरा
पलकें झुकाए
पूजा की थाली लिए
गुलाबी साड़ी में लिपटा रूप
मेरे सामने आ जाता है...
सत्य को झुठला दिया जाता है ....आपका यह कहा हुआ सत्य बहुत सादगी से भरा है ...बहुत अच्छी प्रस्तुति
क्या ये सत्य नही
जवाब देंहटाएंप्रकाश के आने पर अंधकार लुप्त हो जाता है
और इस बात को तुम क्या कहोगी
अंधकार बढ़ते बढ़ते प्रकाश को लील लेता है
बहुत ही सुन्दरता से व्यक्त किया है आपने हर शब्द को बेहतरीन रचना ....।
बहुत अच्छी प्रस्तुति...आपको भी नव वर्ष की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपका शुक्रिया
aadarniy sir
जवाब देंहटाएंitni -itani achhi rachna ke liye main aapko kya kahun,soch nahi pa rahi hun .
क्या अश्वथामा की मौत पर
युधिष्ठर से बुलवाया गया सत्य
सत्य की आड़ में बोला गया झूठ था
या झूठ की दहलीज़ पर खड़े हो कर बोला गया सत्य …
धर्म की स्थापना के लिए बोला गया झूठ
या सत्य की अवमानना को बोला गया सत्य …
ek ek shabd axhrshah sach likha hai aapne.
bahut hi anuthe tareekee se sach aur jhuth ke beech antar ko prastut kiya hai.
bahut hi gahan abhivyakti.
aapko avam aapke samast parivaar ko aane wale nav -varsh ki hardik -shubh kamna.
poonam
बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंइक सार्थक, अपने हिसाब की रचना पढने को मिली, मजा आ गया. बहुत शानदार, उम्दा.
जवाब देंहटाएं--
पंख, आबिदा और खुदा
कुछ झूठ झूठ रहने पर ही अच्छे लगते हैं. बहुत सुन्दर कविता. आपको भी नववर्ष की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंजीवन दर्शन से ओत प्रोत रचना...
जवाब देंहटाएंक्या अश्वथामा की मौत पर
जवाब देंहटाएंयुधिष्ठर से बुलवाया गया सत्य
सत्य की आड़ में बोला गया झूठ था
या झूठ की दहलीज़ पर खड़े हो कर बोला गया सत्य …
धर्म की स्थापना के लिए बोला गया झूठ
या सत्य की अवमानना को बोला गया सत्य …
आपका अंदाज़े-बयां कमाल का है...
नए साल की शुभकामनाओं के साथ.
नव वर्ष की मंगलमय शुभकामनाओं के सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसबसे पहले तो आपको भी अंग्रेजी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंकविता वाकई लाजवाब रही। जीवन के कई सत्य और झूठ पर सोचने को मजबूर कर दिया। बैठकर सोच रहा हूं कि क्या सत्य था और क्या झूठ....
जब कभी मैं तुम्हें देखता हूँ
जवाब देंहटाएंतुम्हारा सादगी भरा
पलकें झुकाए
पूजा की थाली लिए
गुलाबी साड़ी में लिपटा रूप
मेरे सामने आ जाता है...
saal ka ant bahut achcha raha ....naye saal ki subhkaamna...2011 me ek se badhkar ek rachnayen padhne ko milengi....aisi hi aassha hai...
अंतिम माह की इस अंतिम रचना के लिये बधाई । नये साल की शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंक्रिसमस की शांति उल्लास और मेलप्रेम के
जवाब देंहटाएंआशीषमय उजास से
आलोकित हो जीवन की हर दिशा
क्रिसमस के आनंद से सुवासित हो
जीवन का हर पथ.
आपको सपरिवार क्रिसमस की ढेरों शुभ कामनाएं
सादर
डोरोथी
मन को छूने वाली रचना.नववर्ष की शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंसत्य है...अपने आप में कुछ भी सच या झूठ नहीं होता...उद्देश्य इसे सही और गलत बनता है..पाप और पुण्य बनता है...
जवाब देंहटाएंसारगर्भित गंभीर अतिसुन्दर रचना...सदैव की भांति मन मोहने वाली...
(कई स्थानों पर टंकण काल में "ही" छोटी मात्रा में टाईप हो गया है ...कृपया सुधार लें..)
sundar abhivyakti!
जवाब देंहटाएंnaw warsh ki hardik shubhkaamnaayen!
-gyanchand marmagya
सुंदर झूठ !!
जवाब देंहटाएंदुनिया में वास्तव में क्या सच है क्या झूठ है अब तक सिद्ध नहीं हो पाया है. हर व्यक्ति का अपना दृष्टिकोण और अपना आयाम यह निर्धारित करता है कि क्या सच और क्या झूठ...अंततः यह भी तो अज्ञात है कि हमारा होना भी सच है या झूठ.
सुन्दर अभिव्यक्ति
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दिगम्बर जी आपसे मिलना अत्यंत सुखद रहा... आगामी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
मेरा ब्लॉग है -पद्मावलि
उम्दा पोस्ट !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति..
नव वर्ष(2011) की शुभकामनाएँ !
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
जवाब देंहटाएंअनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
जवाब देंहटाएंयह हमारी आकाशगंगा है,
सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
उनमें से एक है पृथ्वी,
जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...
जय हिंद...
हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की हार्दिक शुभकामना ! भगवान् से प्रार्थना है कि नया साल आप सबके लिए अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और शान्ति से परिपूर्ण हो !!
जवाब देंहटाएंजब कभी मैं तुम्हें देखता हूँ
जवाब देंहटाएंतुम्हारा सादगी भरा
पलकें झुकाए
पूजा की थाली लिए
गुलाबी साड़ी में लिपटा रूप
मेरे सामने आ जाता है...
जबकि तुम जानती हो
एक यही सत्य मेरे जीवन का सबसे बड़ा सत्य है
और तुम्हारे लिए ...
.....
.....
behad khoobsurat bhav ,naye barsh ki shubhkaamnaaye aapko .
आपको नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ...स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंnav varsh ki shubhkamnayen or khoobsurat rachna ke liye bandhai
जवाब देंहटाएंkya karen
aapse ru-b-ru mulakat ka mauka nikal gaya .
प्यारी सी अभिव्यक्ति से सजी ख़ूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंनव-वर्ष की शुभकामनाएं
very nice post.sir wish you a happy new year
जवाब देंहटाएंvery nice post.sir wish you a happy new year
जवाब देंहटाएंआपका भारत भ्रमण बेहतरीन रहा होगा। नये साल की देरी से बधाई। रही बात लिखने की तो मित्र आप काफी अच्छी कविता लिखते हैं। इतनी बढ़िया लिखने के लिए दिल में दर्द और भावनाओं का होना जरुरी है। उसके बाद भी उसे व्यक्त करने की कला सभी को नहीं आती। आप बेहतरीन लिखते हैं।
जवाब देंहटाएंसत्य और असत्य को प्रकट करने वाली काव्यमयी रचना बहुत सुन्दर...........लाजबाव अभिव्यक्ती के लिए आभार दिगम्बर नासवा जी ।
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायेँ ।
-: VISIT MY BLOG :-
" खुदा से भी पहले हमेँ याद आयेगा कोई.............गजल "
रचना बहुत अच्छी लगी बधाई
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष के लिए शुभकामनाएं |
आशा
ye to sabse best hai papa ur my fav writer, my idol, n the most romantic person on the planet! =) mum is the lukkiest lady!! =)
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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