सपनों की सौगात उठाई होती है
वादों की बारात सजाई होती हैं
वोटों की खातिर नेताओं ने देखो
दुनिया भर में आग लगाई होती है
इनकी शै पर इनके चॅमचों ने कितनी
गुंडागर्दी आम मचाई होती है
घोटाले पर घौटाले करते जाते
लीपा पोती आग बुझाई होती है
सूखा हो या हाहाकार मचा कितना
इनके हिस्से ढेर मलाई होती है
कुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
कहने को बस टाँग खिचाई होती है
हिंदू मुस्लिम इनकी सत्ता के मुहरे
मंदिर मस्जिद रोज़ लड़ाई होती है
कुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
जवाब देंहटाएंकहने को बस टाँग खिचाई होती है
शानदार व्यंग्य!!
नेताओं की नेतागिरी का वास्तविक चित्रण. बढिया प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंकुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
जवाब देंहटाएंकहने को बस टाँग खिचाई होती है
aur khel ka koi ant nahi hai...
सूखा हो या हाहाकार मचा कितना
जवाब देंहटाएंइनके हिस्से ढेर मलाई होती है
कुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
कहने को बस टाँग खिचाई होती है.
नेताओं के खेल का वास्तविक चित्रण ..
बाँध वोटरों की आँखों पर आश्वासन की पट्टी !
जवाब देंहटाएंनेता जी घुस गए बाथरूम में ले साबुन की टिक्की !!
जहाँ अन्धो में काना सरदार तो काना राज करे !
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे ...!!
बेहतरीन कविता.. आज के समय पर बढ़िया कमेन्ट...
जवाब देंहटाएंbehatareen...aaj ke layak vyangya!
जवाब देंहटाएंवाह! बेहतरीन ग़ज़ल... इस ग़ज़ल के माध्यम से एक दम सही बात कही है आपने...
जवाब देंहटाएंएकदम सही बात है , अब देखों न सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया की डीएनए करवाओ
जवाब देंहटाएंशर्म तो इनके घुस ही नहीं पाती क्योंकि
इन्होने नथुनों-कानो में रूई लगाईं होती है :)
बहुत अच्छा व्यंग...
जवाब देंहटाएंसूखा हो या हाहाकार मचा कितना
इनके हिस्से ढेर मलाई होती है ..
बाकि बातों से इन्हें क्या मतलब, बस इनकी कमाई होतो है..
सूखा हो या हाहाकार मचा कितना
जवाब देंहटाएंइनके हिस्से ढेर मलाई होती है
झन्नाट तमाचा, व्यवस्था के मुँह पर।
्कुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं नेता,कहने कि टांग खिंचाई होती है। ख़ूबसूरत।
जवाब देंहटाएंसपनों की सौगात उठाई होती है
जवाब देंहटाएंवादों की बारात सजाई होती हैं
वोटों की खातिर नेताओं ने देखो
दुनिया भर में आग लगाई होती है
behtareen vyangya !
bahut sachchi bat kahi hai ap ne sheron ke madhyam se
वास्तविकता का शानदार चित्रण्।
जवाब देंहटाएंवोट देकर जनता की भी दो - चार होती है !बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंकुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
जवाब देंहटाएंकहने को बस टाँग खिचाई होती है
बहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।
वर्तमान परिवेश का जीवंत चित्रण।
जवाब देंहटाएंएक ससक्त राजनितिक व्यंग्य ग़ज़ल के माध्यम से.. बहुत सुद्नर
जवाब देंहटाएंहिंदू मुस्लिम इनकी सत्ता के मुहरे
जवाब देंहटाएंमंदिर मस्जिद रोज़ लड़ाई होती है
.......
राजनीति जैसे समाजसेवा के सुलभ मार्ग को नेताओं ने इतना कलुषित किया है कि राजनीति को कोई अच्छा कैरिअर नहीं मानता. शुभकामना .
aapne inpar likh kar apni kalam waste ki ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ढंग से व्यवस्था पर आपने रंगों की बौछार किया है बधाई |होली की सभी अप्रवासी भाइयों सहित आपको सपरिवार शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंहल्ला गुल्ला शोर कर, कुर्सी पर चढ़ जाये ! सब लोगों पर राज़ करे, सेवक जी कहलाये !!
जवाब देंहटाएंवाह दिगंबर नासवा जी,
जवाब देंहटाएंकुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
कहने को बस टाँग खिचाई होती है
हर शेर नेताओं की असली तस्वीर है !
आज के हालात पर खूबसूरतऔर सच्ची ग़ज़ल !
मुबारकबाद कबूल करें !
हिंदू मुस्लिम इनकी सत्ता के मुहरे
जवाब देंहटाएंमंदिर मस्जिद रोज़ लड़ाई होती है
-क्या बात है, गजब!!
वाह...अच्छी टांग खीची है आपने....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
आदरणीय नासवा जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
बहुत अच्छा व्यंग
बहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।
कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
जवाब देंहटाएंएक शानदार पोलखोलक कविता है!!
जवाब देंहटाएंa satire but true...
जवाब देंहटाएंकुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
जवाब देंहटाएंकहने को बस टाँग खिचाई होती है
नेता टांग खिंचाई के अलावा कर भी क्या सकते हैं? बहुत शानदार व्यंग.
रामराम
नेताओं में मच जाये ना खलबली
जवाब देंहटाएंआपकी बातों में सच्चाई होती है ।
बहुत सुन्दर ग़ज़ल ।
नेताओं की नेतागिरी का वास्तविक चित्रण| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंकुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
जवाब देंहटाएंकहने को बस टाँग खिचाई होती है
बहुत सार्थक और सटीक रचना..
कुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
जवाब देंहटाएंकहने को बस टाँग खिचाई होती है
हिंदू मुस्लिम इनकी सत्ता के मुहरे
मंदिर मस्जिद रोज़ लड़ाई होती है .....
वर्तमान परिदृश्य का वास्तविक सटीक चित्रण...
कुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
जवाब देंहटाएंकहने को बस टाँग खिचाई होती है
हिंदू मुस्लिम इनकी सत्ता के मुहरे
मंदिर मस्जिद रोज़ लड़ाई होती है
Harek pankti yatarth bayaan kartee hai!
wah wah ..kya baat hai....bahut khoob
जवाब देंहटाएंव्यवस्था की सच्चाई पर कटाक्ष . हम आँखे बंद करके नेता जो चुन लेते है .
जवाब देंहटाएंघोटाले पर घौटाले करते जाते
जवाब देंहटाएंलीपा पोती आग बुझाई होती है
सूखा हो या हाहाकार मचा कितना
इनके हिस्से ढेर मलाई होती है
राजनीतिज्ञों का वास्तविक चित्रण.....
बढिया प्रस्तुति...
हिंदू मुस्लिम इनकी सत्ता के मुहरे
जवाब देंहटाएंमंदिर मस्जिद रोज़ लड़ाई होती है
शानदार व्यंग.....
क्या बात है भाई .... ये तेवर भी ??!!
जवाब देंहटाएंसूखा हो या हाहाकार मचा कितना
जवाब देंहटाएंइनके हिस्से ढेर मलाई होती है
badhiya likha hai magar netao ki pahunch se door rakhiyega ise .
एक एक शब्द सच्चा है...
जवाब देंहटाएंहिंदू मुस्लिम इनकी सत्ता के मुहरे
जवाब देंहटाएंमंदिर मस्जिद रोज़ लड़ाई होती है...
बहुत खूब नासवा जी...हर शेर शानदार.
हिंदू मुस्लिम इनकी सत्ता के मुहरे
जवाब देंहटाएंमंदिर मस्जिद रोज़ लड़ाई होती है...
आज का सत्य हे आप की कविता, धन्यवाद
नेताओं में मच जाये ना खलबली
जवाब देंहटाएंआपकी बातों में सच्चाई होती है ।
--
बहुत सटीक गजल पेश की है आपने!
wahwa....
जवाब देंहटाएंsamyik or teekha.....
sadhuwaad..
घोटाले पर घौटाले करते जाते
जवाब देंहटाएंलीपा पोती आग बुझाई होती है
सूखा हो या हाहाकार मचा कितना
इनके हिस्से ढेर मलाई होती है
....बस यही है हमारे हिस्से. ग़ज़ल में बात समझा दी आपने.
True picture of politicians.
जवाब देंहटाएंआज के अधिकतर नेता
जवाब देंहटाएंआज के हालात का
जवाब देंहटाएंबिलकुल सच्चा और सटीक खाका खींचा है
शब्द खुद ही अर्थ हो कर
मन में कहीं गहरे बसे जाते हैं
मुबारकबाद .
एकदम सटीक चित्रण. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंआभार
होली के पावन पर्व की आपको अग्रिम शुभकामनाएं.
नेति नेति नेता......
जवाब देंहटाएंवोटों की खातिर नेताओं ने देखो
जवाब देंहटाएंदुनिया भर में आग लगाई होती है
बहुत खूब नासवा जी...हर शेर शानदार.
वास्तविक चित्रण.....
व्यवस्था और राजनीति पर गहरा व्यंग्य।
जवाब देंहटाएंसपनों की सौगात उठाई होती है
जवाब देंहटाएंवादों की बारात सजाई होती हैं
वोटों की खातिर नेताओं ने देखो
दुनिया भर में आग लगाई होती है
बहुत ही सुन्दर!!!!
दिगंबर नासवा जी,
जवाब देंहटाएंराजनेताओं और राजनीति पे अपनी कलम को ज़ाया मत कीजिये , इसपे तुकबन्दियां करने / मंच लूटने / चिल्लपों करने वाले बहुत हैं ! शायरी में आपका खास मक़ाम / एक क्लास है उसपे आंच आती है !
ऐसा नहीं है कि इस मुद्दे पर लिखने का आपको हक़ नहीं , बात इतनी सी है कि आप इससे बेहतर पर बहुत बेहतर लिखते हैं !
एकदम सटीक और सार्थक बात कही आपने अपनी इस सुन्दर रचना के माध्यम से....
जवाब देंहटाएंकभी कभी लगता है राजनीति का अर्थ केवल यही रहेगा क्या ?????
आपकी टिपण्णी और उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!
घोटाले पर घौटाले करते जाते
जवाब देंहटाएंलीपा पोती आग बुझाई होती है
सूखा हो या हाहाकार मचा कितना
इनके हिस्से ढेर मलाई होती है
..बहुत सही कहा है, ऐसा ही हाल है वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था और नेताओं का .
बहुत सुन्दर और सार्थक व्यंग्य रचना ...
जवाब देंहटाएंवास्तविकता को खूबसूरत ढंग से बयां करती है
yahi sacchayi hai, fir bhi public aankhe moonde baithi hai.
जवाब देंहटाएंये कुर्सी का ही तो सारा खेल है ...बढ़िया कटाक्ष.
जवाब देंहटाएंHolee kee haardik badhayee!
जवाब देंहटाएंसूखा हो या हाहाकार मचा कितना
जवाब देंहटाएंइनके हिस्से ढेर मलाई होती है
ekdam sachchi baat likhe hain...
होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
जवाब देंहटाएंआइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे सारा खेल तो यही है
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनायें।
http://rimjhim2010.blogspot.com/2011/03/blog-post_19.html
नासवा जी , आज के नेता पर बिलकुल सही कहा आप ने .... होली की हार्दिक शुभकामनायें .
जवाब देंहटाएंलघुकथा --आखिरी मुलाकात
नेता वेता भूलो आज तो बस,
जवाब देंहटाएंतन रंग लो जी आज मन रंग लो,
तन रंग लो,
खेलो,खेलो उमंग भरे रंग,
प्यार के ले लो...
खुशियों के रंगों से आपकी होली सराबोर रहे...
जय हिंद...
होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंहोली पर आपको सपरिवार शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
होली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में और भी रंग विरंगी खुशयां बिखेरे यही कामना
जवाब देंहटाएंउत्सव, उल्लास, उमंग की उत्साही भावना
जवाब देंहटाएंहो रंगों का हुड़दंग शुभ,यह फागुनी कामना।
आपकी ग़ज़ल लाजवाब है.
जवाब देंहटाएंहोली की ढेर सारी शुभकामनायें.
Bahut sahee chitran ,
जवाब देंहटाएंhappy holi.
shubhkamnae
Bahut sahee chitran ,
जवाब देंहटाएंhappy holi.
shubhkamnae
होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंरंग-पर्व पर हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंआपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ
जवाब देंहटाएंनेह और अपनेपन के
जवाब देंहटाएंइंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
उमंग और उल्लास का गुलाल
हमारे जीवनों मे उंडेल दे.
आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
कुर्सी कुर्सी खेल रहे हैं सब नेता
जवाब देंहटाएंकहने को बस टाँग खिचाई होती है
हिंदू मुस्लिम इनकी सत्ता के मुहरे
मंदिर मस्जिद रोज़ लड़ाई होती है
बेहतरीन ग़ज़ल ! एक एक शेर सच्चाई को बयां करता हुआ !
आपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें !
मोहरा तो हम आप ही बनते हैं इन नेताओं के।
जवाब देंहटाएंसही चित्रण किया है।
सरजी, आपकी ’उफ़ तुम भी न’ वाली रचना बहुत हांट करती है अपने को, आज भी एक बार फ़िर से पढ़ कर आया हूँ।
होली की शुभकामनाओं के लिये आपका धन्यवाद, आप सबके जीवन में भी खुशियों के रंग बिखरें।
रंग के त्यौहार में
जवाब देंहटाएंसभी रंगों की हो भरमार
ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।
आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो। आपकी सारी इच्छाएं पूर्ण हो व सपनों को साकार करें। आप जिस भी क्षेत्र में कदम बढ़ाएं, सफलता आपके कदम चूम......
होली की खुब सारी शुभकामनाये........
सुगना फाऊंडेशन-मेघ्लासिया जोधपुर,"एक्टिवे लाइफ"और"आज का आगरा" बलोग की ओर से होली की खुब सारी हार्दिक शुभकामनाएँ..
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंपरम आदरणीय दिगंबर जी,
जवाब देंहटाएंआपको होली की रंगारंग शुभकामनाये!!
कष्ट में भी हास्य की संभावना बाकी रहे
जवाब देंहटाएंप्रेम का बंधन रहे सदभावना बाकी रहे!
... बधाई!...बहुत सुंदर भावोक्ति!
Vaah! mazedar...achchhi prastuti..
जवाब देंहटाएंसूखा हो या हाहाकार मचा कितना
जवाब देंहटाएंइनके हिस्से ढेर मलाई होती है
लाजवाब ग़ज़ल...वाह... भाई..ढेरों दाद कबूल करो...
नीरज