स्वप्न मेरे: हाथ में सरसों उगा कर देखिये...

शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2011

हाथ में सरसों उगा कर देखिये...

धार के विपरीत जा कर देखिये
जिंदगी को आजमा कर देखिये

खिड़कियों से झांकती है रौशनी
रात के परदे उठा कर देखिये

आंधियाँ खुद मोड लेंगी रास्ता
एक दीपक तो जला कर देखिये

भीगना जो चाहते हो उम्र भर
प्रीत गागर में नहा कर देखिये

होंसला तो खुद ब खुद आ जायगा
सत्य को संबल बना कर देखिये

जख्म अपने आप ही भर जायंगें
खून के धब्बे मिटा कर देखिये

बाजुओं का दम अगर है तोलना
वक्त से पंजा लड़ा कर देखिये

दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
हाथ में सरसों उगा कर देखिये

84 टिप्‍पणियां:

  1. खिड़कियों से झांकती है रौशनी
    रात के परदे उठा कर देखिये
    ....बहुत खूब नासवा जी
    वाह! बेहतरीन.... ग़ज़ल के माध्यम से एक दम सही बात कही है आपने...

    जवाब देंहटाएं
  2. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये
    ..लाज़वाब।

    जवाब देंहटाएं
  3. जख्म अपने आप ही भर जायंगें
    खून के धब्बे मिटा कर देखिये
    हर पंक्तियाँ सार्थक संदेश देती हुई बेहतरीन ग़ज़ल।

    जवाब देंहटाएं
  4. ओजश्वी और प्रेरणादायी , ललकारती गजल बधाई
    मेरा ब्लॉग न खुल रहा हो तो अब मेरे नए लिंक का उपयोग करें -

    बालाजी के लिए www.gorakhnathbalaji.blogspot.com
    OMSAI के लिए www.gorakhnathomsai.blogspot.com
    रामजी के लिए www.gorakhnathramji.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  5. चेतना भरती ग़ज़ल... बहुत सुन्दर..

    जवाब देंहटाएं
  6. आशा का संचार करती ग़ज़ल.. दुष्यंत जी की याद दिला रही है.. बहुत बढ़िया...

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है.
    दिल में हिम्मत व हौंसला जगाती हुई.

    सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.

    दीपावली,गोवर्धन व भैय्या दूज की हार्दिक
    शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह बहुत सुंदर साकारात्मक सोच लिए बढ़िया प्रस्तुति भाई दूज की शुभकामनायें ....

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत अच्छे जज़्बात,बेहतरीन भावों को कलमबद्ध किया है आपने
    आपको सपरिवार दीपावली व नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  10. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये... dard hi nahin, uski urvarak kshamta bhi , bahut achha to aap likhte hi hain

    जवाब देंहटाएं
  11. गज़ल का हर शेर लाजवाब, शानदार दिल मे उतरता हुआ।

    जवाब देंहटाएं
  12. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये

    बहुत खूब लिखा है आपने ... बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  13. बिलकुल.जहाँ चाह वहाँ राह..बहुत सुन्दर सन्देश देती रचना.

    जवाब देंहटाएं
  14. आंधियाँ खुद मोड लेंगी रास्ता
    एक दीपक तो जला कर देखिये
    ..सुन्दर....सच एक-एक दिए से नयी राहें बन जाती है..

    दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये
    ...सच मिटटी के दर्द को वही समझ सकता है जो उसमें रचता बसता हो..
    बहुत ही सुन्दर प्रेरक रचना प्रस्तुति...

    जवाब देंहटाएं
  15. खिड़कियों से झांकती है रौशनी
    रात के परदे उठा कर देखिये
    यह शेर तो बेहद खूबसूरत है। बहुत ही अच्‍छी गजल, बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  16. यथार्थ चित्रण है इस कविता मे।

    जवाब देंहटाएं
  17. सही है ||
    सुन्दर प्रस्तुति ||
    बधाई ||

    जवाब देंहटाएं
  18. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये

    बहुत ही सुन्दर...

    जवाब देंहटाएं
  19. .
    .
    .
    आंधियाँ खुद मोड लेंगी रास्ता
    एक दीपक तो जला कर देखिये

    होंसला तो खुद ब खुद आ जायगा
    सत्य को संबल बना कर देखिये


    क्या खूब शेर कहे हैं, लाजवाब, याद रखने लायक...



    ...

    जवाब देंहटाएं
  20. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये
    वाह!

    जवाब देंहटाएं
  21. बाजुओं का दम अगर है तोलना
    वक्त से पंजा लड़ा कर देखिये

    दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये
    Kya gazab kaa likha hai!

    जवाब देंहटाएं
  22. बहुत सुन्दर!
    --
    कल के चर्चा मंच पर, लिंको की है धूम।
    अपने चिट्ठे के लिए, उपवन में लो घूम।

    जवाब देंहटाएं
  23. आंधियाँ खुद मोड लेंगी रास्ता
    एक दीपक तो जला कर देखिये

    बाजुओं का दम अगर है तोलना
    वक्त से पंजा लड़ा कर देखिये

    हौसला और हिम्मत देती रचना ।
    शानदार ग़ज़ल ।

    जवाब देंहटाएं
  24. har sher bahut umda, bahut gahri baat...

    दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये

    shubhkaamnaayen.

    जवाब देंहटाएं
  25. होंसला तो खुद ब खुद आ जायगा
    सत्य को संबल बना कर देखिये
    बहुत बढ़िया ...

    जवाब देंहटाएं
  26. सत्य का संबल ही तो हौसला है.. बेहद खुबसूरत ..

    जवाब देंहटाएं
  27. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये
    क्या बात है दिगंबर जी , मर्मस्पर्शी सृजन ,बहुत -२ बधाईयाँ जी /

    जवाब देंहटाएं
  28. आंधियाँ खुद मोड लेंगी रास्ता
    एक दीपक तो जला कर देखिये

    utsahvardhan karti hui hamesha ki tarah sundar rachna

    जवाब देंहटाएं
  29. होंसला तो खुद ब खुद आ जायगा
    सत्य को संबल बना कर देखिये....

    अति सुन्दर.....

    शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  30. होंसला तो खुद ब खुद आ जायगा
    सत्य को संबल बना कर देखिये....

    अति सुन्दर.....

    शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  31. भीगना जो चाहते हो उम्र भर
    प्रीत गागर में नहा कर देखिये

    बहुत उम्दा गजल... हर पंक्ति मधुर संदेश से ओतप्रोत है.

    जवाब देंहटाएं
  32. wah ..aati sunder . har para dil ko chu gaya , ek nayi tazgi bhar gaya .
    खिड़कियों से झांकती है रौशनी
    रात के परदे उठा कर देखिये ...............!

    har para ka har shabd kuch sandesh deta huya , . aapki yeh rachna hrafay sparshi evm hoshala deti hui . badhai swikar kare .

    http/sapne-shashi.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  33. उम्मीदों में झूमती रचना,सरल व सुंदर अभिव्यक्ति.

    जवाब देंहटाएं
  34. भीगना जो चाहते हो उम्र भर
    प्रीत गागर में नहा कर देखिये

    होंसला तो खुद ब खुद आ जायगा
    सत्य को संबल बना कर देखिये


    बहुत ही सुन्दर और प्रेरित करने वाली रचना|

    जवाब देंहटाएं
  35. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये...
    दूसरों के दर्द को समझने के लिए दर्द को उसी तरह जीना होता है ...
    प्रेरक !

    जवाब देंहटाएं
  36. भीगना जो चाहते हो उम्र भर
    प्रीत गागर में नहा कर देखिये
    दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये

    वाह !!! दिगम्बर जी क्या बात है.आपकी गज़लें मन में एक नई गज़ल पैदा कर देती हैं.वाह !!!
    हथेली पे सरसों उगाकर देखिये
    प्रीत गागर में नहाकर देखिये.
    किस तरह मुस्कुराता दिया,जानिये
    दिगम्बर सी गज़ल बनाकर देखिये.
    शुभ-दीपावली.....

    जवाब देंहटाएं
  37. आंधियाँ खुद मोड लेंगी रास्ता
    एक दीपक तो जला कर देखिये

    भीगना जो चाहते हो उम्र भर
    प्रीत गागर में नहा कर देखिये
    बाजुओं का दम अगर है तोलना
    वक्त से पंजा लड़ा कर देखिये
    वाह क्या गज़ब के शेर हैं। ज़िन्दगी जीने के लिये इससे अच्छी प्रेरन क्या हो सकती है। बहुत बहुत बधाई इस खूबसूरत गज़ल के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  38. खिड़कियों से झांकती है रौशनी
    रात के परदे उठा कर देखिये

    और अंतिम वाला शेर तो खतरनाक है...
    दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये

    जवाब देंहटाएं
  39. होंसला तो खुद ब खुद आ जायगा...

    जी, सत्य का संबल है तो हम हैं, हमारी पहचान है.

    धार के विपरीत जा कर देखिये
    जिंदगी को आजमा कर देखिये
    यही तो अपना काम है. गजल के माध्यम से बहुत सुंदर संदेश !!

    जवाब देंहटाएं
  40. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये

    बहुत लाजवाब.

    रामराम

    जवाब देंहटाएं
  41. बाजुओं का दम अगर है तोलना
    वक्त से पंजा लड़ा कर देखिये

    बहुत ही शानदार ग़ज़ल।

    जवाब देंहटाएं
  42. बहुत खुबसूरत ग़ज़ल है सर,
    हर शेर बेहतरीन...
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  43. आपका पोस्ट अच्छा लगा ।.मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  44. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये

    बहुत सुन्दर !!
    आपकी ख्यालात से पूरी तरह सहमत
    मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं आपके साथ हैं !

    जवाब देंहटाएं
  45. खिड़कियों से झांकती है रोशनी
    रात के परदे उठा कर देखिये
    अंधेरों में उम्मीद जगाता बेहतरीन शेर...

    हौसला तो खुद ब खुद आ जायगा
    सत्य को संबल बना कर देखिये
    बहुत खूब,
    हर शेर उम्दा
    बधाई नासवा जी.

    जवाब देंहटाएं
  46. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये...

    बहुत सुन्दर...हर शेर लाज़वाब...

    जवाब देंहटाएं
  47. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये

    बहुत खूब! हर शेर बेहतरीन है.

    जवाब देंहटाएं
  48. कल 02/11/2011 को आपकी कोई एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है।

    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  49. बाजुओं का दम अगर है तोलना
    वक्त से पंजा लड़ा कर देखिये.

    बहुत गहरी बातें इतनी आसानी से कर जाते है आप. मानना पड़ेगा.

    आभार.

    जवाब देंहटाएं
  50. वाह वाह...वाह...नासवा जी इक इक शेर अनमोल है .....
    आप तो बस कमाल ही करते हैं ...
    बस आनंद आ जाता है पढ़ कर .....

    भीगना जो चाहते हो उम्र भर
    प्रीत गागर में नहा कर देखिये

    क्या बात कही .....

    होंसला तो खुद ब खुद आ जायगा
    सत्य को संबल बना कर देखिये

    बहुत खूब .....

    जख्म अपने आप ही भर जायंगें
    खून के धब्बे मिटा कर देखिये

    आमीन .....

    बाजुओं का दम अगर है तोलना
    वक्त से पंजा लड़ा कर देखिये

    क्या बात है ....

    दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये

    कहाँ से लेट हैं ये खजाना .....:))

    जवाब देंहटाएं
  51. बाजुओं का दम अगर है तोलना
    वक्त से पंजा लड़ा कर देखिये

    दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये

    behtareen sher...umda gazal.

    जवाब देंहटाएं
  52. aadarniy sir
    sarv pratham bahut hi vilamb se aapke blig par aane ke liye xhama -prarthini hun.
    bahut hi behatreen gazal .
    har sher apne aap me gazab ka hai.
    बाजुओं का दम अगर है तोलना
    वक्त से पंजा लड़ा कर देखिये

    दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये
    bilkul sahi avam khari baat likhi hai aapne .koi ek nahi sabhi badhai ke haqdaar hain.
    sadar naman
    poonam

    जवाब देंहटाएं
  53. बहुत खूब. हर शेर बेहतरीन है.

    जवाब देंहटाएं
  54. जब बात तारीफ की हो तो अब ईर्ष्या होती है...बेहतरीन गज़ल। बहुत दिनों बाद आया, मगर सबकुछ पढ गया छूटा हुआ...डरपोक हो या भूल गये सब लोग दिगंबर आये हैं...आव्हान, प्रश्न...क्या बात है दिगम्बरजी..खूब चलती है आपकी कलम और पाठक तर-बतर हो जाते हैं...। आपकी कलम प्रीत गागर मानो, नहा कर देखा-भोगा-रस लिया है..।

    जवाब देंहटाएं
  55. बाजुओं का दम अगर है तोलना
    वक्त से पंजा लड़ा कर देखिये
    हर अशआर एक चुनौती एक सन्देश देता हुआ ,विचार को कुरेदता हुआ .बेहतरीन बन पड़ी है पूरी ग़ज़ल

    जवाब देंहटाएं
  56. सुन्दर रूपक, सुन्दर कविता - वाह!

    जवाब देंहटाएं
  57. aapki gazalen hardam hi chakit hokar padhate hain .. siidhii baat men gaharaayi naapate aapke asaar bahut kuchh sochane par vivash karate hain

    जवाब देंहटाएं
  58. आपका जिक्र यहाँ भी है ……http://redrose-vandana.blogspot.comये आपकी धरोहर है

    जवाब देंहटाएं
  59. सुन्दर भावो से संजोया हर शेर लाजवाब है...बधाई..

    जवाब देंहटाएं
  60. खिड़कियों से झांकती है रौशनी
    रात के परदे उठा कर देखिये ।

    यही तो मुश्किल है, हम खिड़कियों पर परदे डाल कर ऱखते हैं, और फिर रोशनी न होने की शिकायत करते हैं।

    जवाब देंहटाएं
  61. गज़ब कर डाल रहे हो महाराज!! वाह...क्या बात है!!

    जवाब देंहटाएं
  62. दर्द मिट्टी का समझ आ जायगा
    हाथ में सरसों उगा कर देखिये
    ...लाजवाब
    बहुत अच्छी पंक्तियाँ.

    जवाब देंहटाएं
  63. धार के विपरीत जा कर देखिये
    जिंदगी को आजमा कर देखिये

    खिड़कियों से झांकती है रौशनी
    रात के परदे उठा कर देखिये

    सच कहू ...शब्द कम पड़ जाते हैं आपकी कविता के बारे में कुछ बोलने के लिए ...जितनी अर्थपूर्ण उतनी ही सहज सरल...:)

    जवाब देंहटाएं
  64. खिड़कियों से झांकती है रौशनी
    रात के परदे उठा कर देखिये

    आंधियाँ खुद मोड लेंगी रास्ता
    एक दीपक तो जला कर देखिये

    जिंदगी को एक नया रास्ता दिखाती आपकी लेखनी ....बहुत गहरे भाव लिए हुए पूर्ण लेखनी ...आभार

    जवाब देंहटाएं
  65. Greetings I am so glad I found your site, I really found you by accident, while I was browsing on Yahoo for something else, Regardless I am here now and would
    just like to say many thanks for a tremendous post and a all round interesting blog (I also love the theme/design),
    I don't have time to look over it all at the minute but I have book-marked it and also included your RSS feeds, so when I have time I will be back to read a great deal more, Please do keep up the excellent job.
    Also visit my weblog :: www

    जवाब देंहटाएं
  66. Thank you a lot for sharing this with all folks you really know what
    you're talking about! Bookmarked. Please additionally seek advice from my site =). We could have a hyperlink trade arrangement between us

    my page: Home Page

    जवाब देंहटाएं
  67. Yesterday, while I was at work, my sister stole my iphone and tested to see
    if it can survive a 30 foot drop, just so she can be a youtube sensation.
    My apple ipad is now broken and she has 83 views. I know this is entirely
    off topic but I had to share it with someone!

    Check out my webpage: Datingandcams.Thumblogger.com

    जवाब देंहटाएं

आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है