सभी पढ़ने वालों को होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं ... रंगों का पर्व सब को प्रेम के रंग में रंगे ... दिलों का वैर मिटे जीने की उमंग जगे ...
दो हाथों के मध्य तुम्हारे
कंचन जैसे गाल
जाने कौन बात पे हो गये
अधरों जैसे लाल
स्पर्श मात्र को जाने तुमने
क्या समझा जो
सिमट गयीं तुम ऐसे जैसे
छुई मुई की डाल
प्रेम की लाली
बदन पे तेरे ऐसी बिखरी
बिन होली के रंग गया जैसे
कोई नेह गुलाल
अंग अंग से
अंकुर फुट रहे यौवन के
चंचल बलखाती इठलाती
हिरनी जैसी चाल
कारी बदरी ज्यों
चंदा को छू उड़ जाए
गालों से अठखेली करते
चंचल रेशम बाल
बहुत सुन्दर सर......
जवाब देंहटाएंरंगीला रूप फागुन में...
आपको भी होली की अनेकों शुभकामनाएँ.
सादर.
फगुनाई हुई कविता है..
जवाब देंहटाएंहोली सी रंगीन खूबसूरत रचना .होली की बहुत बहुत बधाई ...
जवाब देंहटाएंयहां न बसंत का ज़िक्र है,न होली खेलने को लेकर किसी काग़ज़ी लोकलाज का। फिर भी,सारे रंग अपने पूरे लालित्य के साथ बिखरे हैं। बहुत सुंदर!
जवाब देंहटाएंहोली पर बहुत बहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएँ!!
जवाब देंहटाएंआप को भी होली का पर्व मुबारक हो !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ!
अंग अंग से
जवाब देंहटाएंअंकुर फुट रहे यौवन के
चंचल बलखाती इठलाती
हिरनी जैसी चाल
bahut sundar rachna...holi ki shubhkamnayen:)
गज़ब गज़ब ...कंचन कंचन..
जवाब देंहटाएंहोली की असीम शुभकामनायें.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है आपकी.
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ
आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ .
बहुत सुन्दर ... लाजवाब प्रस्तुति .... होली की शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव... होली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंवाह क्या बिंदास भाव है .होली मुबारक .मुग्धा का पुलकित करता रोमांच प्रथम स्पर्श की छुवन जैसा कम्पन भीतर बाहर पाठक के भी होने लगता है कविता का वाचन करते करते .क्या बात है नासवा साहब .शब्दों के नट नागर हैं आप ..
जवाब देंहटाएंवाह, होली की कोमल फुहार..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना...होली की शुभ्कामनाए...
जवाब देंहटाएंआज दिगम्बर की गली, गली ठीक से दाल ।
जवाब देंहटाएंकैलासी डोलें सकल, लागा नेह-गुलाल ।।
दिनेश की टिप्पणी : आपका लिंक
dineshkidillagi.blogspot.com
होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।
बिना भांग के ऐसी रचना और कौन कह जाये,
जवाब देंहटाएंबूढ़ा बरगद फागुन में ,कलियों संग इठलाये !!
वह ! कवि की कल्पना , रचना , कविता -सब कितनी सुन्दर होती है ।
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनायें ।
फागुन का असर साफ़ झलक रहा है...क्या उपमाएं खोजीं हैं...बहुत-बहुत बधाइयाँ...होली की शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएं...फागुन का असर साफ़ झलक रहा है...क्या उपमाएं खोजीं हैं...बहुत-बहुत बधाइयाँ...
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन प्रस्तुति,सुंदर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंदिगम्बर जी,.होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,
अति सुंदर भावाभिव्यक्ति ! बहुत ही मनभावन !
जवाब देंहटाएंहोली मुबारक !
भाव-विभोर कर दिया. होली की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली की मंगलकामनाएँ!
होली की ढेर सारी शुभकामनायें आपको भी...
जवाब देंहटाएंसमयानुकूल रचना... बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएं....
बहुत ही खुबसूरत रंगों से भरा हो आपका होली का त्यौहार.....
जवाब देंहटाएंनेह गुलाल से रची सुंदर रचना .... होली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंहोली का रंग छाया है इस कविता पर।
जवाब देंहटाएंहैप्पी होली।
आपको सपरिवार होली की मंगलकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंमृदुल ,मनमोहक रचना ..होली की शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंसभी रंग बिखरा दिए आपने इस रचना में
जवाब देंहटाएंसुंदर ..........होली की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत ही सुंदर ...होली की शुभकामनाएँ...
जवाब देंहटाएंदो हाथों के मध्य धरे जो
जवाब देंहटाएंकंचन जैसे गाल
इसी बात पर हो गये
अधरों जैसे लाल।
..शुभ होली।
बहुत सुंदर रचना...होली की शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंचले चकल्लस चार-दिन, होली रंग-बहार |
जवाब देंहटाएंढर्रा चर्चा का बदल, बदल गई सरकार ||
शुक्रवारीय चर्चा मंच पर--
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति ||
charchamanch.blogspot.com
:) शुभ होली!
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनायें भाई जी ...
जवाब देंहटाएंHAPPY HOLI.
जवाब देंहटाएंsundar rachna ke saath holi ki bhi badhai le
जवाब देंहटाएंbahut hi prabhavi kavita hai ...har rang ko apne swabhav sawrup upyog kiya hai aapne ....holi ki shubhkamnayen
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएँ
अति सुन्दर !!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति....होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंआहाऽऽहाऽऽ…
आपकी रूमानियत होली के अवसर पर रंग जमा रही है :)
बढ़िया रचना … आनद आया पढ़ कर …
होली की भी मंगलकामनाएं
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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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सुन्दर सृजन ,अभिव्यक्ति को स्वर प्रदान करता प्रभावशाली है ..... बधाईयाँ जी /
जवाब देंहटाएंBAHUT SUNDAR AVIVAKTI..HOLI KI SUBHKAAMNAYEIN!
जवाब देंहटाएंaapko bhi holi ki shubhkaamna.......
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव ...
जवाब देंहटाएंकंचन जैसे गाल
जवाब देंहटाएंजाने कौन बात पे हो गये
अधरों जैसे लाल.... क्या खूब रचा है सर...
सादर बधाई सुन्दर रचना और होली की.
स्पर्श मात्र को जाने तुमने
जवाब देंहटाएंक्या समझा जो
सिमट गयीं तुम ऐसे जैसे
छुई मुई की डाल
प्रेम की लाली
बदन पे तेरे ऐसी बिखरी
बिन होली के रंग गया जैसे
कोई नेह गुलाल
होली पर सजीली छुई मुई सी प्रेम कविता । आनंद आ गया ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार रंगों के पर्व होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ......!!!!
sundar prastuti ke liye sadar abhar.
जवाब देंहटाएंदो हाथों के मध्य तुम्हारे
जवाब देंहटाएंकंचन जैसे गाल
जाने कौन बात पे हो गये
अधरों जैसे लाल...
holi hai isliye.....
वाह! क्या बात है....
जवाब देंहटाएंसत्य ही रहता नहीं यह ध्यान तुम कविता कुसुम या कामिनी हो...रूहानी सौन्दर्य का वितान रचतीं हैं आपकी कवितायें .यह सौन्दर्य जीवी दृष्टि का कमाल है . या अनेक रूपा नारी का श्रृंगार करते आपके शब्द प्रसाधन ...
जवाब देंहटाएंदो हाथों के मध्य तुम्हारे
जवाब देंहटाएंकंचन जैसे गाल
जाने कौन बात पे हो गये
अधरों जैसे लाल
होली पर्व के अनुकूल बहुत अच्छी रचना।
bahut badiya holiyai prastuti..
जवाब देंहटाएंHoli ki hardik shubhkamnayen!
बलखाती इठलाती सी चंचल रचना......:))
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सृजन, बधाई.
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग meri kavitayen पर आपका हार्दिक स्वागत है, कृपया पधारें.
अनुपम भाव संयोजन लिए उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंnamaskar nasva ji
जवाब देंहटाएंsunder holi ka geet .......
प्रेम की लाली
बदन पे तेरे ऐसी बिखरी
बिन होली के रंग गया जैसे
कोई नेह गुलाल
..............har paira uttam
happy rangpanchmi to you and your family .
aaj kal aap blog par nahi aate . aapki samiksha anmol hai hamare liye .
शब्द शब्द से फागुनी बयार की खुशबू उठ रही है !
जवाब देंहटाएंवाह !!!!
जवाब देंहटाएंश्रृंगार की मधुर, कोमल, शिष्ट, सरस ,अतिसुन्दर भावाभिव्यक्ति...
मनमोहक रचना...
शब्दों का खूबसूरत ताना - बाना | बेहद सुन्दर रचना |
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत गीत ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय निधि जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
लाजवाब प्रस्तुति .... होली की शुभकामनाएं...
जरूरी कार्यो के ब्लॉगजगत से दूर था
आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ