अनेकों बार पढ़े गीता सार से प्रभावित रचना ...
जो हुआ
या जो हो रहा है
और आगे भी होने वाला है
सब कुछ बेमानी तो नहीं
हर होने के पीछे की वजह मालुम हो
ये जरूरी नहीं
और जो हुआ या होने वाला है ... वो बेवजह नहीं
ये कह देना भी जरूरी नहीं
जो जरूरी है वो ये की हर होने को जीना
जो होने वाला है उसको तहे दिल से तसलीम करना
जो होना है वो तो होगा
वजह जान के बेवजह करना
या जो होना है उसको न होने देना
आसान तो न होगा
तो क्यों न मान लेना ही अच्छा
की जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा
भूत गुज़र गया भविष्य की चिंता न करो
वर्तमान तो चल रहा है
जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जवाब देंहटाएंजो होगा वो भी अच्छा ही होगा
ये ही सफ़ल जीवन का मंत्र है।
हर होने के पीछे की वजह मालुम हो
जवाब देंहटाएंये जरूरी नहीं
और जो हुवा या होने वाला है ... वो बेवजह नही
ये कह देना भी जरूरी नही .... तो मान लेना अच्छा है कि जो होता है, होगा - अच्छे के लिए . वैसे यह सच बहुत रोने के बाद पता चलता है
होनी अनहोनी ,|
जवाब देंहटाएंभूत भविष्य की चिंता-
व्यर्थ |
वर्तमान का ही -
असली है अर्थ |
अच्छी रचना ..हम उस वक़्त में होने वाली चिंता से मुक्त ही कहाँ हो पाते हैं ...होता तो सब अच्छे के लिए ही है ..:)
जवाब देंहटाएंवर्तमान शीर्षस्थ खड़ा है
जवाब देंहटाएंदिल को समझाने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है।
जवाब देंहटाएंभूत और भविष्य की चिंता बिना वर्तमान में जीना ही श्रेष्ठ है ... सार्थक चिंतन
जवाब देंहटाएंबेहद सशक्त भावों को प्रस्तुत किया है आपने इन पंक्तियों में ..आभार
जवाब देंहटाएंGAHAN BHAVON MEIN RACHEE- BASEE
जवाब देंहटाएंAAPKEE KAVITA PADH KAR MAIN TRIPT
HO GAYAA HUN.
तो क्यों न मान लेना ही अच्छा
जवाब देंहटाएंकी जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा
भूत गुज़र गया भविष्य की चिंता न करो
सचमुच गीता का सार निचोड़ दिया आपने इन पंक्तियों में
जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जवाब देंहटाएंजो होगा वो भी अच्छा ही होगा
सुखी जीवन का मूल मंत्र यही है... भूत को याद करके और भविष्य को सोच कर अपना आज न खोना ही बुद्धिमानी है...
लाख न मानने पर भी अंतत: मानना ही पड़ता है कि जो होता है वो अच्छा ही होता है...
जवाब देंहटाएंवर्तमान ही श्रेष्ठ है.
जवाब देंहटाएंहोगा वही जो होना है ..लेकिन फिर भी छोड़ा तो नहीं जाता..इतना आसान तो नहीं छोड़ देना , मान लेना..
जवाब देंहटाएंगीता का सार लिख दी डाला आपने.
जो होना है वो तो होगा
जवाब देंहटाएंवजह जान के बेवजह करना
या जो होना है उसको न होने देना
आसान तो न होगा
गुरूजी आज हमारे मोहल्ले में मच्छर मारने की दवा का छिडकाव करने वाले आ रखे है . उन्हें सूना के आता हूँ आपकी यह कविता :)
तो क्यों न मान लेना ही अच्छा
जवाब देंहटाएंकी जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा
भूत गुज़र गया भविष्य की चिंता न करो
वर्तमान तो चल रहा है ...सार्थक चिंतन सुन्दर रचना..
मानसिक सुख शान्ति के लिए इसी मंतर को अपनाना आवश्यक है.....
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना
सादर
अनु
वर्तमान में टिकना जिसको आ गया उसने जीवन का राज जान लिया...सार्थक पोस्ट !
जवाब देंहटाएंवाह ! अब श्लोक की जगह कविता !
जवाब देंहटाएंबढ़िया रहा यह गीतोपदेश .
sarthak post....
जवाब देंहटाएंजीवन का सुंदर चिंतन आपके अपने अंदाज़ में ....
जवाब देंहटाएंजो होगा वो भी अच्छा ही होगा
जवाब देंहटाएंभूत गुज़र गया भविष्य की चिंता न करो
वर्तमान तो चल रहा है ...सशक्त सार्थक चिंतन ....!!!
गीतोपदेश कविता में काफी सुंदर ...
जवाब देंहटाएंजो होता है अच्छे के लिए ही होता है ..
हमें वर्तमान में जीना चाहिए .
अनेकों बार पढ़े गीता सार से प्रभावित रचना ...
जवाब देंहटाएंजो हुवा
या जो हो रहा है
और आगे भी होने वाला है
सब कुछ बेमानी तो नही
हर होने के पीछे की वजह मालुम हो
ये जरूरी नहीं
और जो हुवा या होने वाला है ... वो बेवजह नही
ये कह देना भी जरूरी नही
बहुत बढ़िया सार परोसा गीता का -जब जब जो जो होना है तब तब सो सो होता है ...तुसली भरोसे राम के रहियो खाट पे सोय ,अनहोनी होनी नहीं होनी होय सो होय .कर्म गति टारे न टरे ...बहुत बढ़िया प्रस्तुति .
भाई साहब "हुवा"शब्द प्रचलित नहीं है हुआ ही ठीक रहेगा और नेज़ल (अनुनासिक पे तवज्जो दें)नहीं कर लें जहां जहां "नही" है .
.बहुत सराहनीय प्रस्तुति.ब्लॉग जगत में ऐसी आती रहनी चाहिए.आभार हमें आप पर गर्व है कैप्टेन लक्ष्मी सहगल
जवाब देंहटाएंजब सत्पुरुष होकर सत्योपदेश होता है तभी अंध परम्परा नष्ट होकर प्रकाश की परम्परा चलती है...
जवाब देंहटाएंवर्तमान ही श्रेष्ठ है
जवाब देंहटाएंयही तो है...गीता का ज्ञान...तू सिर्फ कर्म कर...फल का डिसीज़न...प्रभु के हाथ...और जब ये पता चल जाये कि दोष सिर्फ अपना है...तो जो हो रहा है वो तो होना ही था...
जवाब देंहटाएंगीता के ज्ञान को एक बार फिर समझना अच्छा लगा, अच्छी रचना, बधाई.
जवाब देंहटाएं'जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जवाब देंहटाएंजो होगा वो भी अच्छा ही होगा
भूत गुज़र गया भविष्य की चिंता न करो '
- यही बात तो याद रखने की है जिसे हम नज़रअंदाज़ कर जाते हैं -याद दिलाने हेतु आभार !
बहुत सुन्दर व् सार्थक पोस्ट .आभार ''वन्देमातरम ''.मत कहना क्या कोई धर्म सिखाता है ?
जवाब देंहटाएंवर्तमान सही होगा तो भविष्य भी सुन्दर होगा...
जवाब देंहटाएंगीता का सार है आपकी इस रचना में..
जीवन को सुखमय बनाने का सन्देश है..
बहुत बेहतरीन रचना:-)
जो जरूरी है वो ये की हर होने को जीना
जवाब देंहटाएंbahut sundar
तो क्यों न मान लेना ही अच्छा
जवाब देंहटाएंकी जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा
भूत गुज़र गया भविष्य की चिंता न करो
वर्तमान तो चल रहा है
......bahut badhiya nazm...gazal aur nazm me'n aap barabar kee dakhal rakhte hai'n
बहुत सार्थक कथन ...!!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें
अपने वर्तमान को जियें और खुश रहें वही जिंदगी है ....बहुत अच्छे भाव निकलते हैं रचना में ...हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंपर एक जिज्ञासा है :
यही हो रहा अगर
कर रहा पर लागू
कर दिया जाये
और करने वाले को
करने दिया जाये तो?
जीवन को हर परिस्थित में जीने योग्य बना देने वाले विचार .....
जवाब देंहटाएंजो हुआ अच्छा हुआ, जो होगा वो भी अच्छा होगा, सिर्फ यही सोच कर हम हाथ पर हाथ रख कर तो नहीं बैठ सकते...
जवाब देंहटाएंभूत से प्रेरणा लेकर और भविष्य का चिंतन करके ही हम वर्तमान में स्वयं को श्रेष्ठ कर्मों के लिए प्रेरित कर सकते हैं...
वर्तमान में जीना ही सही है।
जवाब देंहटाएंहोनी पर किसी का वश नहीं...मनुष्य अनहोनी से घबड़ा न जाए इसलिए यही सोच( कि जो हो रहा है ठीक है) रखना बेहतर है आगे का जीवन जीने के लिए|
जवाब देंहटाएंकल 27/07/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
jaahe vidhi rakhe raam taahi vidhi rahiye,....
जवाब देंहटाएंachha likha hai aapne!
बहुत बढ़िया है
जवाब देंहटाएं---
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सुन्दर रचना...aakhir mein dil isi se behlata hai..jo hota hai acche k liye hota hai :)
जवाब देंहटाएंमेरा तो सिर चकरा रहा है।
जवाब देंहटाएंसच है कुछ भी बेवजह नही है .......
जवाब देंहटाएंसंपूर्ण भारतीय दर्शन इस कविता में भर आया है. बहुत खूबसूरती से लिखा है आपने.
जवाब देंहटाएंजो जरूरी है वो ये की हर होने को जीना
जवाब देंहटाएंजो होने वाला है उसको तहे दिल से तसलीम करना....
कितनी सादगी से जीवन का सार बयाँ कर दिया सर आपने.... वाह!
सादर.
तो क्यों न मान लेना ही अच्छा
जवाब देंहटाएंकी जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा
भूत गुज़र गया भविष्य की चिंता न करो
वर्तमान तो चल रहा है
.bahut sach kaha aapne .......
तो क्यों न मान लेना ही अच्छा
जवाब देंहटाएंकी जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा
भूत गुज़र गया भविष्य की चिंता न करो
वर्तमान तो चल रहा है ...
सुन्दर भावपूर्ण रचना अभिव्यक्ति ...
हां जी सच हैं ....कोई वजह ..बेवजह नहीं हैं
जवाब देंहटाएंसुदंर दर्शन। इसे हम जीवन में उतार पायें तो क्या बात हो!
जवाब देंहटाएंतो क्यों न मान लेना ही अच्छा
जवाब देंहटाएंकी जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा
बिलकुल ....!!
आत्म संतुष्टि ही जीवन की सफलता है ....
भूत गुज़र गया भविष्य की चिंता न करो
जवाब देंहटाएंवर्तमान तो चल रहा है
गीता का सन्देश नए रूप में. बधाई.
तो क्यों न मान लेना ही अच्छा
जवाब देंहटाएंकी जो हो रहा है अच्छा हो रहा है
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा
सही अर्थों में आपने गीता का सार तत्व इस कविता में प्रस्तुत किया है।
नासवा जी नमस्कार...
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग 'स्वप्न मेरे'से कविता भास्कर भूमि में प्रकाशित किए जा रहे है। आज 30 जुलाई को 'चिंतन...' शीर्षक के कविता को प्रकाशित किया गया है। इसे पढऩे के लिए bhaskarbhumi.com में जाकर ई पेपर में पेज नं. 8 ब्लॉगरी में देख सकते है।
धन्यवाद
फीचर प्रभारी
नीति श्रीवास्तव
’जो जरूरी है वो ये कि हर होने को जीना है
जवाब देंहटाएंजो होने वाला है उसको तहेदिल से तसलीम करना है’
सार्थक संदेश—फूल के खिलने की क्या वज़ह हो सकती है
उसे खिलना ही है.
nice poem
जवाब देंहटाएंif one will not do hard work he will get nothing.
Everything is bad lets support the people who are fighting against corruption.
Sundar abhivyakti...
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंजब आवै संतोष धन , सब धन धूरि समान …
दिगंदर नासवा जी ,
अच्छी भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति के लिए आभार !
शुभकामनाओं सहित …
कर्मयोग एक नये अंदाज में... अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंबेशक कर्म दो तरह का है एक अर्जित कर्म इस जन्म का आपने मेहनत की आप ब्लोगर बन गए ,पढ़ लिख गए और एक पूर्व जन्म का कर फल .जो घटनाएं समझ में नहीं आतीं वह पूर्व जन्मों का कर्म फल है जैसे किसी गर्भस्थ की माता के साथ ही दुर्घटना मृत्यु .
जवाब देंहटाएंजब जब जो जो होना है ,तब तब सो सो होता है .तुलसी भरोसे रामके रहियो खाट पे सोय ,अन होनी होनी नहीं ,होनी होय सो होय .
NICE ONE....
जवाब देंहटाएंHAPPY FRIENDSHIP DAY....!!!!!!!
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