याद नहीं तेरे होते
कभी ईश्वर से कुछ माँगा
हालांकि ऐसा नहीं
की ईश्वर में आस्था नहीं
पर तेरे आँचल का विस्तार
इतना ज्यादा था
की उसके बाहर जाने की
ज़रूरत नहीं पड़ी
सब कहते हैं
ईश्वर को तो किसी ने देखा
नहीं
माँ ईश्वर का रूप ही होती
ही
शायद पागल हैं
मुझसे पूछो
होती तो बस माँ ही है
जो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवारीय चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर उत्कृष्ट प्रस्तुति,माँ ईश्वर से कम थोड़े ही होती हैं.
जवाब देंहटाएंmaa to bas maa hoti hai ..........
जवाब देंहटाएंहोती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है .....इस से बड़ी बात और क्या हो सकती है ..सुन्दर रचना
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंमाँ बाप हमेशा बच्चों के अन्दर जीवित रहते हैं.
जवाब देंहटाएंहोती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
निशब्द करती रचना
सच....
जवाब देंहटाएंहोती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
...so touching
माँ तो माँ होती है पर सर्वाधिक निकट हम उसे ईश्वर के ही पाते हैं, तभी तो तुलना कर बैठते हैं।
जवाब देंहटाएंहोती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
बिल्कुल सच ...
सादर
ishwar se badhiya samvad. maa sachmuch ishwar hai
जवाब देंहटाएंहोती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
बेहतरीन ...
होती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है,
अद्भुत भाव माँ के लिए
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माँ तो माँ ही होती है उसकी कोइ बाराबती नहीं कर सकता |उम्दा प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआशा
ईश्वर को तो किसी ने देखा नहीं
जवाब देंहटाएंमाँ ईश्वर का रूप ही होती ही.
सच कहा आपने माँ साक्षात् ईश्वर का ही रूप है. सुंदर कविता सुंदर भाव.
सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंमाँ-----
जवाब देंहटाएंकब याद नहीं आती ?.....
हर पल,हर दिन .....
मेरे साथ रहती है .....
मुझसे बातें करती है ....
मुझे छोड कर कहीं नहीं जाती है ....
mere paas shabd nahi.
जवाब देंहटाएंसब कहते हैं
जवाब देंहटाएंईश्वर को तो किसी ने देखा नहीं
माँ ईश्वर का रूप ही होती ही
सुंदर भाव.
होती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
...बिल्कुल सत्य और उत्कृष्ट भाव...बहुत सुन्दर
सुंदर भाव.........
जवाब देंहटाएंहोती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है ,khuubsurat rachna
ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी...
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति हर माने में .अर्थ और भाव में माँ के प्रति अनुराग में .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
जवाब देंहटाएं.बहुत सुन्दर भावनात्मक सराहनीय अभिव्यक्ति आभार .अरे भई मेरा पीछा छोडो आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
जवाब देंहटाएंअद्भुत ... माँ भगवान का ही रूप लगती है
जवाब देंहटाएंहोती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
मैं ईश्वर को नहीं मानती, मेरे लिए मेरे माँ-पिता ईश्वर से कम नहीं हैं. वो जबसे इस दुनिया से गए हैं, ईश्वर बन गए हैं.
होती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
-क्या कहें...
होती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
बिल्कुल सच कहा आपने
एक मार्मिक रचना माँ तो वो है भगवान के बाद जो भी कुछ देती है वो माँ ही तो देती है सच में इस समाज का ये बहुत दुर्भाग्य की बात है की वो माँ को भी एक साधारण नारी और एक नोकरानी की तरह समझता है
जवाब देंहटाएंबहुत खूब जनाब
मेरी नई रचना
ये कैसी मोहब्बत है
खुशबू
मुझसे पूछो
जवाब देंहटाएंहोती तो बस माँ ही है
जो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती . . .
Sajjan jee,
New Delhi-92.
बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसब कहते हैं
जवाब देंहटाएंईश्वर को तो किसी ने देखा नहीं
माँ ईश्वर का रूप ही होती ही
Ekdam sahi kaha aapne. Maa ko naman, shat shat naman...
आदरणीय सर आपके ह्रदय की वेदना को मैं भली भाँती समझता हूँ. माँ शब्द ही ऐसा है कहीं भी सुनता हूँ पढ़ता हूँ आँखें नम हो जाती हैं. कुछ और नहीं कह सकूँगा सादर आभार
जवाब देंहटाएंmarmsparshi
जवाब देंहटाएंभावनाओं से सराबोर सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति .पोस्ट दिल को छू गयी.कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने.बहुत खूब,
जवाब देंहटाएंमां और ईश्वर.........सुन्दर।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंदिनांक 28 /02/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान् की सूरत क्या होगी ..
जवाब देंहटाएंमाँ - पिता ही तो भगवन के रूप होते है !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति !
आभार !
"माँ"...... पूरी सृष्टि ही इसमें समाई....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और सच्ची बात !
~सादर!!!
होती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
माँ का सटीक परिचय!
हृदय स्पर्शी रचना....
जवाब देंहटाएंmaa aisa koi aur kahan
जवाब देंहटाएंमुझसे पूछो
जवाब देंहटाएंहोती तो बस माँ ही है
जो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
हृदय स्पर्शी
माँ के आगे सारे शब्द निर्थक हैं..!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चित्रण..!!
मुझे पंजाबी कवि की कविता के कुछ भाव याद आ रहे हैं जिस में कवि ने मां के बारे में कहा था कि जड़ सूखने से बूटा सूख जाता है। पर मां रूपी पूटा तब सूखता है जब फल फूल पतियां सूख जाते हैं। यानी कि फल फूल पतियां उस के बच्चे हैं। मां तभी सूखती हैं जब उस के बच्चों पर संकट आता है। सुंदर भाव।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंआप भी पधारें
ये रिश्ते ...
माँ ही गंगा,माँ ही यमुना, माँ ही तीरथधाम
जवाब देंहटाएंऔर माँ कहीं भी .... कहीं भी हो
उसका हाथ सर पे होता है
वही मंदिर,वही मस्जिद,वही गुरुद्वारा
वही गुरबानी
वही विद्या वही शक्ति
वही सपनों सी कहानी
एक आँचल में
वेद,ऋचाएं ..... सब होते हैं
होती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
सत्य भी यदि छोटा बड़ा होता हो तो इन चार पंक्तियों का भाव संसार का सबसे बड़ा सत्य है।
आपकी आस्था को नमन !
होती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
....मन की बात कह दी..बहुत सुन्दर ...!!!
Aapki rahna sabkuch kah gyi, fir bhi maa ke lie lafj kam pad hi jaate hai...
जवाब देंहटाएंmaa ak aisa shabd hai jiska n koe vikalp hai or n hoga ,behatareen
जवाब देंहटाएंआपकी टिपण्णी हमारी शान है .सार्थक भाव प्रबल रचना .
जवाब देंहटाएंmaa se badhkar kaun..bahut sunder
जवाब देंहटाएं"होती तो बस माँ ही है
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है "......वाह ..बहुत सुंदर ...इन्हीं से ही ये पंक्तियाँ सृजित हुई हैं ....
परिभाषा में माँ को ढालूं इतना तो सामर्थ्य नहीं
जीवन-परिचय माँ से पाया ईश्वर से बड़ा तथ्य यही
अपने ब्लॉग का पता भी छोड़ रही हूँ .......यदि पसंद आये तो join करियेगा ....मुझे आपको अपने ब्लॉग पर पा कर बहुत ख़ुशी होगी .
http://shikhagupta83.blogspot.in/
bilkul sahi kaha aapne...dhanywaad itni acchi rachna ke liye
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर उत्कृष्ट प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंआपकी कविता आपकी रचना निर्झर टाइम्स पर लिंक की गयी है। कृपया इसे देखें http://nirjhar-times.blogspot.com और अपने सुझाव दें।
जवाब देंहटाएंमाँ के लिए लिखा हर शब्द ईश्वर की अराधना है .....
जवाब देंहटाएंकोख का कर्ज कोई नहीं चुका सकता ....
धरती पर ईश्वर का ही रूप है- माँ !
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंसहमत हैं आपसे सर जी। कुछ कमेंट भी बेहद पसंद आए। आपकी रचना का तो कहना ही क्या?
मन को छू गयी यह कविता भी..
जवाब देंहटाएंमाँ को अर्पित श्रद्धा सुमन की काव्यांजलि में एक पुष्प और जुड गया.
बहुत गहरे कहीं छू जाती है ये कविता और ये पंक्तियां ,
जवाब देंहटाएंहोती तो बस माँ ही होती है जो जीते जी ईश्वर होती है
अनुभूत मनोभूमि को शब्द देती रचना हर व्यक्ति को माँ के रु ब रु लाके खड़ा कर देती है .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
जवाब देंहटाएंमुझसे पूछो
होती तो बस माँ ही है
जो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
wah wah....excellent.
जवाब देंहटाएंजो जीते जी ईश्वर होती है
ओर जब नहीं होती
ईश्वर के नाम से होती है
.
.this is best line.
पुन: मर्म को छूती हुई ..
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर बहुत दिनों बाद लौटना ऐसा लगता है जैसे घर लौट आया/ मगर काफी सारे साथी इधर उधर खो चुका/ खेर… धीरे\ धीरे सबको एकत्र करूंगा /
जवाब देंहटाएं'माँ' ईश्वर से बाद कर होती है क्योंकि ईश्वर को पैदा करने वाली भी 'माँ' ही होती है/ आपकी रचना हमेशा से मार्मिक रही है/ और जब माँ जैसे संबंधो पर होती है तो दिल को छूती है / दिगंबर साहब ...यही एक मात्र शक्ति है हमारी जो 'माँ' के रूप में सदा हमारे साथ है /
आपने मुझे याद रखा यह मेरा सौभाग्य है / अभी आपकी कई कई रचनाये पढ़ना है ..इसलिए थोड़े वक्त के बाद आपसे मुखातिब होउंगा ..पहले रचनाये पढ़ लू ..
सुधार-* 'माँ' ईश्वर से बड़कर होती है
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी मेरी कविता को पसंद करने के लिए.
जवाब देंहटाएंआपकी ये कविता पढ़ी . माँ से बढ़कर कोई नहीं , इसलिए तो कहते है कि GOD can not be everywhere that's why he made Mothers.
बहुत सुन्दर लिखा है .. बधाई स्वीकार करिए
विजय
www.poemsofvijay.blogspot.in
iishvar kaa duusra naam maa hae ,sundr post
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने ईश्वर ही माँ होती है माँ ही ईश्वर होता है |
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