स्वप्न मेरे: पूछना ना क्या गलत है क्या सही है ...

मंगलवार, 11 जून 2013

पूछना ना क्या गलत है क्या सही है ...

माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है 
जो मिले वो हंस के लो मिलना वही है 

दर्द के उस छोर पे सुख भी मिलेगा  
रुक न जाना जिंदगी चलती रही है  

कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी     
धार गंगा की वहां हो कर बही है 

चलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे 
ये समझना आजमाइश की घड़ी है   

दुख पहाड़ों सा अगर जो सामने हो 
सोच लेना तिफ्ल है कुछ भी नहीं है 

वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे 
पूछना ना क्या गलत है क्या सही है 


131 टिप्‍पणियां:

  1. मां की यादें सौगातें हैं जीवन भर के लिए !
    शुभकामनायें आपको !

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  2. बहुत सुन्दर.बहुत बढ़िया लिखा है .शुभकामनायें आपको !

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  3. माँ (या पिता भी ) के दिखाए रास्ते पर चलना कितना आसान है.....कोई काँटा नहीं कोई बाधा नहीं....

    बस उनकी याद लिए चलते जाना है....

    सादर
    अनु

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  4. माँ के दिखाए रास्ते हमारे जीवन में हर पल एक मार्गदर्शक की तरह सहयोग करते हैं,बड़े ही अनमोल लफ्जों में संजोयें हैं माँ की यादें.बहुत ही बेहतरीन सुन्दर प्रस्तुती.

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  5. माँ की दिखाई राह मंजिल तक पहुंचाती ही है, बस चलते चले जाना है...
    बहुत सुन्दर भाव... आभार

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  6. माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है
    जो मिले वो हंस के लो मिलना वही है

    दर्द के उस छोर पे सुख भी मिलेगा
    रुक न जाना जिंदगी चलती रही है
    दुआ मंत्र है
    माँ की बोली जैसे हो
    आशीष देती !

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  7. वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
    पूछना ना क्या गलत है क्या सही है

    सही गलत का विवेक बना रहे यही काफी है...सुंदर कविता..

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  8. माँ के पास अनुभव की पोटली होती है
    उसमें से जो निकाल कर दे दे
    अपना लेने में जीवन आसान होती है

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  9. वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
    पूछना ना क्या गलत है क्या सही है
    वाह!!! बहुत खूब सुंदर एवं बहुत ही सार्थक पंक्तियाँ एसी सार्थक सोच और जीवन भर कठिनाइयों से जूझते हुए भी हिम्मत से जीवन जीने का साहस केवल एक माँ ही दे सकती है।

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  10. चलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे
    ये समझना आजमाइश की घड़ी है
    bahut sundar bhavon ko shabdon me piroya hai aapne .man ko chhoo gayi aapki abhivyakti .badhai जो बोया वही काट रहे आडवानी

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  11. माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है
    जो मिले वो हंस के लो मिलना वही है

    बहुत ही नेक और ममता मयी सीख, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  12. माँ के अनुभव और सीख ..बस मानते जाना है याद करके.

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  13. बहुत उम्दा और सीख देती हुई शानदार ग़ज़ल!
    साझा करने के लिए आभार!

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  14. यही तो मूल मंत्र है जीवन का जो कि जननी हमारी रगों में प्रवाहित कर देती है..

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  15. माँ की यादे भूली नहीं जा सकती है जीवन भर ..बेहतरीन अभिव्यक्ति

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  16. कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
    धार गंगा की वहां हो कर बही है -
    .बेहतरीन अभिव्यक्ति

    latest post: प्रेम- पहेली
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  17. मुझे आप को सुचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि
    आप की ये रचना 14-06-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल
    पर लिंक की जा रही है। सूचनार्थ।
    आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाना।

    मिलते हैं फिर शुकरवार को आप की इस रचना के साथ।


    जय हिंद जय भारत...

    कुलदीप ठाकुर...

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  18. बहुत सुन्दर.बहुत बढ़िया लिखा है

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  19. बहुत सुन्दर.बहुत बढ़िया लिखा है

    जवाब देंहटाएं
  20. चलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे
    ये समझना आजमाइश की घड़ी है

    दुख पहाड़ों सा अगर जो सामने हो
    सोच लेना तिफ्ल है कुछ भी नहीं है

    बस यही तो ज़िन्दगी की हकीकतें हैं बेहद उम्दा और संदेश देती गज़ल

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  21. बेहद सुन्दर प्रस्तुति ....!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (11-06-2013) के अनवरत चलती यह यात्रा बारिश के रंगों में .......! चर्चा मंच अंक-1273 पर भी होगी!
    सादर...!
    शशि पुरवार

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  22. माँ की सीख कभी भूल नहीं सकते.
    उनके दिखाए रास्ते गलत नहीं होते.उनकी सीख में उनका अनुभव पिरोया हुआ होता है ,आप कविता में भी माँ के दिए प्रेरक सन्देश मिले.

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  23. आपकी यह रचना कल बुधवार (12-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण के "विशेष रचना कोना" पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

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  24. आदरणीय आप पर माता जी का आशीष इतना अधिक है कि आप जो कुछ भी लिखते केवल सुन्दर ही लिखते है, कथ्य शिल्प भाव बेहद ही सुन्दर एवं हृदयस्पर्शी हुए हैं, एक लाजवाब मुकम्मल ग़ज़ल हेतु मेरी ओर से भूरि भूरि बधाई के साथ साथ ढेरों दिली दाद भी कुबूल फरमाएं.

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  25. माँ ने बहुत अच्छी सीख दी है।
    अब उनका पालन करना आपका काम है।

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  26. "कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
    धार गंगा की वहां हो कर बही है"


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  27. दुख पहाड़ों सा अगर जो सामने हो
    सोच लेना तिफ्ल है कुछ भी नहीं है
    khushipurwak jeene ka moolmantra de diya maa ne ...

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  28. दर्द के उस छोर पे सुख भी मिलेगा
    रुक न जाना जिंदगी चलती रही है


    वाह बहुत खूब
    जिंदगी चलने का ही नाम है ...जो रुक जाए वो जिंदगी ही कहाँ है

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  29. जो लिखा,अनुभव-सिद्ध है,
    यही गठरी उन्होंने जोड़ी और अपनी संतानों को सौंप दी !

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  30. बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,आभार.

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  31. माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है
    जो मिले वो हंस के लो मिलना वही है

    बहुत ही सुन्दर ...

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  32. वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
    पूछना ना क्या गलत है क्या सही है

    कितनी प्रेरणादायक पंक्तियाँ है.

    बहुत अच्छा सन्देश है.

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  33. माँ चली जाती है लेकिन जीवन का सूत्र छोड़ जाती है।

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  34. दर्द के उस छोर पे सुख भी मिलेगा
    रुक न जाना जिंदगी चलती रही है

    कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
    धार गंगा की वहां हो कर बही है

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति है... बढ़िया ग़ज़ल!

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  35. माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है
    जो मिले वो हंस के लो मिलना वही है

    बहुत सुन्दर सार्थक बात ...गहन अभिव्यक्ति है दिगंबर जी ...!!

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  36. बहुत बढ़िया लिखा आपने है...शुभकामनायें आपको ...!!

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  37. जीवन भर की याद , जीवन भर की बात
    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

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  38. वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
    पूछना ना क्या गलत है क्या सही है !

    सुन्दर अभिव्यक्ति...

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  39. मां की बात हो और मुनव्वर राना की दो लाइन ना हों, ऐसा हो ही नहीं सकता।

    ऐ अंधेरे देख ले, मुंह तेरा काला हो गया,
    मां ने आंखे खोल दीं, घर मे उजाला हो गया।


    मीडिया के भीतर की बुराई जाननी है, फिर तो जरूर पढिए ये लेख ।
    हमारे दूसरे ब्लाग TV स्टेशन पर। " ABP न्यूज : ये कैसा ब्रेकिंग न्यूज ! "
    http://tvstationlive.blogspot.in/2013/06/abp.html

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  40. galat yaa sahi poochne laayak aapne rakha hee kahaan digambar jee...bahut hee khoobsurat rachna ka samaavesh kiya hai aapne!

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  41. Mother teaches us the ways of life :)
    everyday !!
    your post reminded me of lines I read few days back. It says-
    मंजिल मिल ही जायेगी एक दिन,
    भटकते-भटकते ही सही ।
    गुमराह तो वो हैं,
    जो घर से निकले ही नहीं ॥

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  42. कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
    धार गंगा की वहां हो कर बही है

    चलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे
    ये समझना आजमाइश की घड़ी है

    माँ की सीख ज़िंदगी को आसान बना देगी .... खूबसूरत गज़ल

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  43. वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
    पूछना ना क्या गलत है क्या सही है

    आपने सौ टेक की बात कही

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  44. हर माँ की दुआ और सीख ...अपने बच्चों के लिए !

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  45. चलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे
    ये समझना आजमाइश की घड़ी है

    बहुत सुंदर बात कही आपने.

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  46. आगे ले जाने के लिए एक पूरी परंपरा सौंप गई हैं माँ !

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  47. बाऊ जी नमस्ते!
    सही है मत जी की सीख
    ढ़
    --
    थर्टीन ट्रैवल स्टोरीज़!!!

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  48. बाऊ जी नमस्ते!
    सही है माता जी की सीख
    ढ़
    --
    थर्टीन ट्रैवल स्टोरीज़!!!

    जवाब देंहटाएं
  49. माँ की कही बातें कितनी शिक्षाप्रद होती हैं
    और जीवन पथ पर दीप बन कर सदा प्रकाशमान रहती हैं

    सादर !

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  50. वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
    पूछना ना क्या गलत है क्या सही है

    ...कितनी सुन्दर शिक्षाप्रद बातें...बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति...

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  51. Digamber ji

    Bahut kuchh kaha logon ne maa par magar aapne jo kahi umda kahi hai.

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  52. माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है
    जो मिले वो हंस के लो मिलना वही है

    बेहतरीन साहब ! यूँ तो पूरी रचना अद्भुत है पर इस पंक्ति ने दिल को छू लिया !!

    जवाब देंहटाएं
  53. खुबसूरत सीख सुंदर रचना |

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  54. कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
    धार गंगा की वहां हो कर बही है------

    सकारात्मक विचारों को सार्थकता से व्यक्त करती अदभुत रचना
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    सादर

    आग्रह है- पापा ---------

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  55. चलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे
    ये समझना आजमाइश की घड़ी है

    ..... सुंदर बात कही आपने
    ......जरूरी कार्यो के ब्लॉगजगत से दूर था
    आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ

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  56. जीवन का शाश्वत सत्य...
    कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
    धार गंगा की वहां हो कर बही है

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  57. वाह ....! माँ का तो खजाना है आपके पास ....:))

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  58. गीता का सार यही है .


    वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
    पूछना ना क्या गलत है क्या सही है

    जो हुआ था अच्छा हुआ ,जो हो रहा है कल्याण कारी है जो होगा वह भी अच्छा होगा .जब जब जो जो होना है तब तब सो सो होता है ...माँ की मार्फ़त समझा दिया फलसफा भी जिंदगी का .ठीक हूँ यहाँ कैंटन (मिशिगन )में .नवम्बर २ ३ मध्य तक यहीं हूँ .शुक्रिया आपने स्वास्थ्य सम्बन्धी पड़ताल की चिंता जतलाई अपना पन बांटा .ॐ शान्ति .

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  59. हर बार की तरह ही सुन्दर और मार्मिक रचना । माँ जो देती है हमेशा हमारे साथ रहता है । रहना चाहिये । आपके साथ बखूबी है ।

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  60. बहुत सुन्दर हाव और अर्थ लिए है यह रचना जीवन का सार लिए है .विस्तार लिए है .

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  61. wah wah bahut khoob...
    .
    .कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
    धार गंगा की वहां हो कर बही है

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  62. एक और बेहतरीन रचना.
    माँ को समर्पित कविताओं का ऐसा अनूठा संकलन जो आपके ब्लॉग पर है शायद ही कहीं और मिलेगा.इसे पुस्तक का रूप दे दें ..एक नायाब तोहफा होगा आप के पाठकों के लिए.

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  63. कितनी जबरदस्त सीख है दादा....पर क्या करें मन को ढांढस बंधाना भी तो आसान नहीं है।

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  64. बेहतरीन नयनाभिराम दृश्यावली और वर्रण सशक्त .

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  65. कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
    धार गंगा की वहां हो कर बही है

    संग्रहणीय ग़ज़ल

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  66. बेहतरीन प्रस्तुति लय ताल भाव और अर्थ समस्वरता लिए .ॐ शान्ति .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .

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  67. माँ ने तो जीवन दर्शन करा दिया ।

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  68. ' जो मिले वो हंस के लो मिलना वही है '

    जीवन जीने का सार मिल गया!!!

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आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है