उठो धार के साथ कब तक बहोगे
अभी जो न उठ पाए फिर कब उठोगे
उठो ये लड़ाई तो लड़नी है तुमको
कमर टूट जाएगी कब तक झुकोगे
ये ज़ुल्मों सितम यूँ ही चलता रहेगा
जो सहते रहे तो फिर सहते रहोगे
ये दुनिया का दस्तूर है याद रखना
दबाती है दुनिया के जब तक दबोगे
उठो आँख में आँख डालो सभी के
बनाती है दुनिया जो पागल बनोगे
ये गिद्धों की नगरी है सब हैं शिकारी
मिलेगा न पानी न जब तक लड़ोगे
रिवाजों की चादर से बाहर तो निकलो
हज़ारों चलेंगे जहाँ तुम चलोगे
अभी जो न उठ पाए फिर कब उठोगे
उठो ये लड़ाई तो लड़नी है तुमको
कमर टूट जाएगी कब तक झुकोगे
ये ज़ुल्मों सितम यूँ ही चलता रहेगा
जो सहते रहे तो फिर सहते रहोगे
ये दुनिया का दस्तूर है याद रखना
दबाती है दुनिया के जब तक दबोगे
उठो आँख में आँख डालो सभी के
बनाती है दुनिया जो पागल बनोगे
ये गिद्धों की नगरी है सब हैं शिकारी
मिलेगा न पानी न जब तक लड़ोगे
रिवाजों की चादर से बाहर तो निकलो
हज़ारों चलेंगे जहाँ तुम चलोगे
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