हौंसला है तो उतर पतवार से होता है क्या
जीत लम्बी हो तो छोटी हार से होता है क्या
हर शिकन मिट जाएगी, ये घाव भी भर जाएगा
आज़मा के देख मेरे प्यार से होता है क्या
बूँद ना बन जाए फिर सैलाब इसको रोक लो
फिर न कहना आँसुओं की धार से होता है क्या
वक़्त रहते ही समझ लो मुख़्तसर सी बात है
खुल के बोलो प्यार है, इज़हार से होता है क्या
जीत उसकी है जो पहले वार का रखता है दम
तेज़ चाहे धार हो, तलवार से होता है क्या
थाल पूजा का लिए जो दूर से है देखती
जानती है वो नज़र के वार से होता है क्या
जीत लम्बी हो तो छोटी हार से होता है क्या
हर शिकन मिट जाएगी, ये घाव भी भर जाएगा
आज़मा के देख मेरे प्यार से होता है क्या
बूँद ना बन जाए फिर सैलाब इसको रोक लो
फिर न कहना आँसुओं की धार से होता है क्या
वक़्त रहते ही समझ लो मुख़्तसर सी बात है
खुल के बोलो प्यार है, इज़हार से होता है क्या
जीत उसकी है जो पहले वार का रखता है दम
तेज़ चाहे धार हो, तलवार से होता है क्या
थाल पूजा का लिए जो दूर से है देखती
जानती है वो नज़र के वार से होता है क्या
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