किसी की आँख से आंसू निकल गए होंगे
मुसाफिरों के इरादे बदल गए होंगे
कहीं से फ़ैल गयी होगी बात आने की
तभी तो हाथ के कंगन मचल गए होंगे
किसी के ख्वाब में तस्वीर जो बनी होगी
किसी के याद के मंज़र पिघल गए होंगे
ये रौशनी का नहीं फलसफा है रिश्तों का
ढली जो रात सितारे भी ढल गए होंगे
ये सिलसिला तो यकीनन मनाएंगे मिल कर
शमा जली तो पतंगे भी जल गए होंगे
मेरे ही नाम को जपती हो रात दिन जाना
तुम्हारे चाहने वाले तो जल गए होंगे
मुसाफिरों के इरादे बदल गए होंगे
कहीं से फ़ैल गयी होगी बात आने की
तभी तो हाथ के कंगन मचल गए होंगे
किसी के ख्वाब में तस्वीर जो बनी होगी
किसी के याद के मंज़र पिघल गए होंगे
ये रौशनी का नहीं फलसफा है रिश्तों का
ढली जो रात सितारे भी ढल गए होंगे
ये सिलसिला तो यकीनन मनाएंगे मिल कर
शमा जली तो पतंगे भी जल गए होंगे
मेरे ही नाम को जपती हो रात दिन जाना
तुम्हारे चाहने वाले तो जल गए होंगे
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