हो दिल्लगी ना, सोच लो इज़हार से पहले
देखो परख लो सच सभी इस प्यार से पहले
अपने गुनाहों को कभी भी मान मैं लूँगा
पर हो खुले में पैरवी इकरार से पहले
टूटा अगर तो जुड़ न पाएगा कभी रिश्ता
सोचो हज़ारों बार तुम व्यवहार से पहले
जो दिल में है सब खुल के उनको बोलने तो दो
मौका जरूरी है किसी इनकार से पहले
यूँ ही नहीं सर टेकना गर देवता भी हो
ठोको बजा कर देख लो सत्कार से पहले
तैयार हूँ मैं हारने को जंग दुनिया की
तुम जीत निष्चित तो करो इस हार से पहले
देखो परख लो सच सभी इस प्यार से पहले
अपने गुनाहों को कभी भी मान मैं लूँगा
पर हो खुले में पैरवी इकरार से पहले
टूटा अगर तो जुड़ न पाएगा कभी रिश्ता
सोचो हज़ारों बार तुम व्यवहार से पहले
जो दिल में है सब खुल के उनको बोलने तो दो
मौका जरूरी है किसी इनकार से पहले
यूँ ही नहीं सर टेकना गर देवता भी हो
ठोको बजा कर देख लो सत्कार से पहले
तैयार हूँ मैं हारने को जंग दुनिया की
तुम जीत निष्चित तो करो इस हार से पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है