रिश्ता नया बने तो पुराना नहीं भूलो
तुम दोस्ती का फर्ज़ निभाना नहीं भूलो
जो फूल आँधियों की शरारत से हैं टूटे
उन को भी देवता पे चढ़ाना नहीं भूलो
जागे हुओं को यूँ भी उठाना नहीं आसाँ
जो सो रहे हैं उनको उठाना नहीं भूलो
इंसान हो तो साथ हो इंसानियत इतनी
तुम डूबतों को तिनका थमाना नहीं भूलो
तुमको जो आसमान को छूने की है चाहत
आँखों में रोज़ सपने सजाना नहीं भूलो
तुम दोस्ती का फर्ज़ निभाना नहीं भूलो
जो फूल आँधियों की शरारत से हैं टूटे
उन को भी देवता पे चढ़ाना नहीं भूलो
जागे हुओं को यूँ भी उठाना नहीं आसाँ
जो सो रहे हैं उनको उठाना नहीं भूलो
इंसान हो तो साथ हो इंसानियत इतनी
तुम डूबतों को तिनका थमाना नहीं भूलो
तुमको जो आसमान को छूने की है चाहत
आँखों में रोज़ सपने सजाना नहीं भूलो
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