शोध कहाँ तक पहुँच गया है शायद सब को पता न हो ... हाँ मुझे
तो बिलकुल ही नहीं पता ... इसलिए अनेकों
बेतुके सवाल कौंध जाते हैं ज़हन में ... ये भी तो एक सवाल ही है ...
सिलसिला कितना लंबा
खत्म होने का नाम नहीं
अमीरों के जूठे पत्तल पे झपटते इंसान
फिर कुत्ता-बिल्ली
पंछी
कीट-पतंगे
दीमक
बेक्टीरिया
वाइरस
क्या पता कुछ ओर भी
जो द्रध्य नहीं
आत्म-हत्या करना आसान नही
कुलबुलाते पेट के साथ
आत्म-हत्या की सोच से पहले
भूख से जीतना होता है
पर क्या
कुते बिल्ली, कीट पतंगे दीमक
की मानसिकता में भी ऐसा होता है
ऐसा तो नहीं आत्म-हत्या
प्राणी-जगत के
सबसे उन्नत जीव की उपज है ... ?
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