अपने अपने काल खण्ड की पगडंडियों पर
सांस लेना जिन्हें मंज़ूर नहीं
ऐसे ही कुछ लैला मजनूँ , हीर रांझा के प्रेम के दस्तावेज़
बदल चुके हैं आज अमर प्रेम ग्रंथों में
कुछ सच जो गुनाह थे कल के काले लम्हों में
रोशन हैं आज शाश्वत सच की तरह
तो क्यों न मिल कर बदल दें “आज”
भविष्य में समझे जाने वाले इतिहास जैसे
गीता भी तो कहती है परिवर्तन संसार का नियम है
बदल दें आज भविष्य की सोच की तरह ...
सुना है भविष्य बदलना अपने हाथ में होता है ...
सांस लेना जिन्हें मंज़ूर नहीं
ऐसे ही कुछ लैला मजनूँ , हीर रांझा के प्रेम के दस्तावेज़
बदल चुके हैं आज अमर प्रेम ग्रंथों में
कुछ सच जो गुनाह थे कल के काले लम्हों में
रोशन हैं आज शाश्वत सच की तरह
तो क्यों न मिल कर बदल दें “आज”
भविष्य में समझे जाने वाले इतिहास जैसे
गीता भी तो कहती है परिवर्तन संसार का नियम है
बदल दें आज भविष्य की सोच की तरह ...
सुना है भविष्य बदलना अपने हाथ में होता है ...
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