यही ज़मीन, यही आसमां, यही
सच है
यहीं है स्वर्ग, यहीं
नर्क, ज़िन्दगी सच है
हसीन शाम के बादल का सुरमई मंज़र
हथेलियों पे सजी रात की कली सच है
उदास रात की स्याही से मत लिखो
नगमें
प्रभात की जो मधुर रागिनी वही सच
है
ये तू है, मैं हूँ, नदी,
पत्तियों का यूँ हिलना
ये कायनात, परिंदे, हवा
सभी सच है
अभी जो पास है वो एक पल ही है जीवन
किसी के इश्क में डूबी हुई ख़ुशी सच है
कभी है गम तो ख़ुशी, धूप, छाँव, के
किस्से
झुकी झुकी सी नज़र सादगी हंसी सच है
नज़र नज़र से मिली एक हो गयीं नज़रें
हया किसी के निगाहों का कह रही सच है
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन इंटरनेट माध्यमों की नश्वरता : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
जवाब देंहटाएंआभार आपका कुमारेन्द्र जी ...
हटाएंवाह! बहोत सुन्दर ।।
हटाएंआपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 6 फरवरी 2019 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआभार पम्मी जी
हटाएंउदास रात की स्याही से मत लिखो नगमें
जवाब देंहटाएंप्रभात की जो मधुर रागिनी वही सच है . ....बहुत सुन्दर आदरणीय
सादर
बहुत आभार अनीता जी ...
हटाएंअभी जो पास है वो एक पल ही है जीवन
जवाब देंहटाएंकिसी के इश्क में डूबी हुई ख़ुशी सच है
बहुत खूब...., खूबसूरत अल्फाज़ोंं से सजी सुन्दर गज़ल ।
शुक्रिया मीना जी ...
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन
सादर
आभार ज्योति जी ...
हटाएंखुबसूरत!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया हर्ष जी ...
हटाएंवाह ¡
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर आशा और विश्वास से पगी सुंदर रचना।
आभार आपका ...
हटाएंबहुत खूब.... सुन्दर गज़ल ।
जवाब देंहटाएंजी शुक्रिया ...
हटाएंवाह!!बहुत खूबसूरत रचना है ....यही सच है !!
जवाब देंहटाएंजी ... शुक्रिया ...
हटाएंअभी जो पास है वो एक पल ही है जीवन
जवाब देंहटाएंकिसी के इश्क में डूबी हुई ख़ुशी सच है
...बिल्कुल सच। सभी अशआरों में जीवन दर्शन का निचोड़। लाज़वाब प्रस्तुति
बहुत आभार आपका ...
हटाएंबहुत ही सुंदर रचना हैं सर जी
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सर जी ...
हटाएंआपका कमेंट unknown आ रहा है ...
यहीं है स्वर्ग, यहीं नर्क, ज़िन्दगी सच है...
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही खूबसूरत।
बहुत आभार विराज जी ...
हटाएंलगभग सब सच कह दिया आपने......आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत आभार रविंद्र जी ...
हटाएंयही ज़मीन, यही आसमां, यही सच है
जवाब देंहटाएंयहीं है स्वर्ग, यहीं नर्क, ज़िन्दगी सच है
इन पंक्तियों का सच बहुत ही गहरे उतर गया...नासवा जी
शुक्रिया संजय जी ...
जवाब देंहटाएंउदास रात की स्याही से मत लिखो नगमें
जवाब देंहटाएंप्रभात की जो मधुर रागिनी वही सच है
वाह sirji,
बहुत खूब,हरेक line में एक एक सच लिख दिया आपने,बेहतरीन।
शुक्रिया ज़फ़र भाई ...
हटाएंवाह, बहुत खूब
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी ...
हटाएंबहुत ख़ूबसूरत !!!!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी ...
हटाएंवर्तमान को सहजता से स्वीकारती रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत आभार राकेश जी ...
हटाएंअभी जो पास है वो एक पल ही है जीवन
जवाब देंहटाएंकिसी के इश्क में डूबी हुई ख़ुशी सच है....बहुत ही सटीक और व्यवहारिक शब्दों का प्रयोग करते हैं आप अपनी ग़ज़लों में ..जो मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति के भी समझ में आ जाएँ ...बहुत खूब
आभार योगी जी ...
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