ठँडी मीठी छाँव
कभी तीखा “सन” है
जीवन आपा-धापी
“एजिटे-शन” है
इश्क़ हुआ तो बस
झींगालाला होगा
“माइंड” में कुछ
ऐसा ही “इम्प्रे-शन” है
मिलने पर तो इतने
तल्ख़ नहीं लगते
पर “सोशल” मंचों
पर दिखती “टेन्शन” है
बतलाता है अब
“इस्टेटस” “सेल्फी” का
खुश है बच्चा या कोई
“डिप्रे-शन” है
नव नूतन चन्दन
वंदन है अभिनन्दन
विजय पर्व है जब
जीता अभिनन्दन है
आधा खाली है तो आधा भरा हुआ
खाली का बस
खाली-पीली कृन्दन है
“ट्वीटर”
“इन्स्टाग्राम” “फेसबुक” है गुरुकुल
ज्ञान पेलता गहरा
अविरल चिंतन है
कभी “डिसीसिव” और
कभी है “इन्क्लूसिव”
राजनीति में
“टाइम” “ओबज़र्वे-शन” है
आशिक, उल्लू, शोदा, पागल, “लवर”
गधा
एक ही शब्द समूह “महा-गठबंधन”
है
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (05-11-2019) को "रंज-ओ-ग़म अपना सुनाओगे कहाँ तक" (चर्चा अंक- 3510) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
दीपावली के पंच पर्वों की शृंखला में गोवर्धनपूजा की
हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत आभर शास्त्री जी ...
हटाएंवाह सर.. नवीनतम सुंदर प्रयोग .... प्यूजन गज़ल बहुत बढ़िया है कुछ अलग हटकर तरोताज़ा सृजन।
जवाब देंहटाएंहर बंध सराहनीय है।
बहुत आभार श्वेता जी ...
हटाएं"ट्वीटर” “इन्स्टाग्राम” “फेसबुक” है गुरुकुल
जवाब देंहटाएंज्ञान पेलता गहरा अविरल चिंतन है...वाहह बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय
बहुत आभार अनुराधा जी ...
हटाएंवाह :)
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी ...
हटाएंबहुत खूब !! अभिनव प्रयोग !! लाजवाब सृजन ।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार ...
हटाएंसुन्दर प्रयोग
जवाब देंहटाएंआभार अरुण जी ...
हटाएंवाह साहब वाह, चकित कर दिया
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया ...
हटाएंबतलाता है अब “इस्टेटस” “सेल्फी” का
जवाब देंहटाएंखुश है बच्चा या कोई “डिप्रे-शन” है
आशिक, उल्लू, शोदा, पागल, “लवर” गधा
एक ही शब्द समूह “महा-गठबंधन” है
पहली बात आज के जीवन का टेढ़ा आइना है और आखिरी पंक्तियाँ तो ज़बरदस्त सियासी टिप्पणी है.
बहुत आभार सर जी ...
हटाएंअरे जनाब
जवाब देंहटाएंकमाल कर दिया
ऐसा प्रयोग आप की कलम से बहुत अच्छा लगा सर।
शुक्रिया रोहितास जी ...
हटाएंजीवन आपा-धापी “एजिटे-शन” है
जवाब देंहटाएंवाह वाह...
कमाल का सृजन...नये प्रयोग नये शब्द और नया सा समसामयिक गठबंधन...
लाजवाब ...बस लाजवाब
वाह!!!!
आभार सुधा जी ...
हटाएंआशिक, उल्लू, शोदा, पागल, “लवर” गधा
जवाब देंहटाएंएक ही शब्द समूह “महा-गठबंधन” है
कमाल, कमाल और बस कमाल !!!
इस महा गठबंधन के बारे में तो कभी सोचा ही नहीं !
जी ये एक प्रयोग है ... आभार आपका ...
हटाएंबतलाता है अब “इस्टेटस” “सेल्फी” का
जवाब देंहटाएंखुश है बच्चा या कोई “डिप्रे-शन” है
हाँ सर ,माँ बाप को भी वही से पता चलता हैं अपने बच्चों के बारे में ,बहुत खूब ,लाजबाब सादर नमन
इस सच को मान लेना ही अच्छा है ...
हटाएंबहुत आभार ...
बहुत ही सुन्दर सृजन आदरणीय
जवाब देंहटाएंसादर
शुक्रिया आपका ...
हटाएंक्या टशन है...👌👌👌
जवाब देंहटाएंजी ... अच लगा आपको तो सफल है टशन ...
हटाएंआभार आपका ...
बस हुनरमंद होना चाहिए, कविताओं का सृजन तो आप कहीं से भी कर सकते हो कमाल की खूबी है आपकी बहुत अच्छा लिखा..!
जवाब देंहटाएंबहुत आभार अनीता जी ...
हटाएंग़ज़लों के तो आप बादशा हैं ठहरे
जवाब देंहटाएंलेकिन ग़ज़ब आज का यह जो 'फ्यूज़न' है !
बहुत बढ़िया नासवा जी ! आपकी कलम का जवाब नहीं !
बहुत आभार है आपका साधना जी 🙏🙏👍
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना बुधवार ६ नवंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत आभार श्वेता जी ...
हटाएंबेहतरीन प्रस्तुति सर
जवाब देंहटाएंबहुत आभार ...
हटाएंजबरदस्त!
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया जी ...
हटाएंवाह क्या कहने ... बेहद शानदार और धारदार तरीके से गज़ल को पेश किया आपने ....बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया जी ...
हटाएंबहुत सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंआभार सुजाता जी ...
हटाएंवाह एक नया अंदाज
जवाब देंहटाएंआभार अनीता जी ...
हटाएंकभी “डिसीसिव” और कभी है “इन्क्लूसिव”
जवाब देंहटाएंराजनीति में “टाइम” “ओबज़र्वे-शन” है
आशिक, उल्लू, शोदा, पागल, “लवर” गधा
एक ही शब्द समूह “महा-गठबंधन” है
वाह! व्यवस्था का करारा लप्पड़ जमाया है
हर बार की तरह लाजवाब प्रस्तुति
बहुत शुक्रिया कविता जी ...
हटाएंग़ज़लों के तो आप बादशा हैं ठहरे
जवाब देंहटाएंलेकिन ग़ज़ब आज का यह जो 'फ्यूज़न' है !
...बहुत बढ़िया सुंदर संकलन नासवा जी
बहुत आभार संजय जी ...
हटाएंआशिक, उल्लू, शोदा, पागल, “लवर” गधा
जवाब देंहटाएंएक ही शब्द समूह “महा-गठबंधन” है
मजेदार शब्द :)
आभार योगी जी
हटाएंइश्क़ हुआ तो बस झींगालाला होगा
जवाब देंहटाएं“माइंड” में कुछ ऐसा ही “इम्प्रे-शन” है
आशिक, उल्लू, शोदा, पागल, “लवर” गधा
एक ही शब्द समूह “महा-गठबंधन” है
वाह - वाह , जबरदस्त नया प्रयोग जो रोचक है , मनभावन है और आपकी काव्यात्मक प्रतिभा का सुंदर नमूना है | हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनायें | ये प्रयोग जारी रहें | नमन |
जी ये प्रयोग जीवन और समय की निरंतरता के सूचक हैं ... कोशिश जारी रखने की है ... आपका बहुत आभार ...
हटाएंaapka article bahut hi achha hai.
जवाब देंहटाएंMe aapka har Ek Article Read karta Hu
Aise Hi Aap Article Likhte Rahe
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