एक और पन्ना कोशिश, माँ को समेटने की से ... आपका प्रेम मिल रहा है इस किताब को, बहुत आभार है आपका ... कल पुस्तक मेले, दिल्ली में आप सब से मिलने की प्रतीक्षा है ... पूरा जनवरी का महीना इस बार भारत की तीखी चुलबुली सर्दी के बीच ...
लगा तो लेता तेरी तस्वीर दीवार पर
जो दिल के कोने वाले हिस्से से
कर पाता तुझे बाहर
कैद कर देता लकड़ी के फ्रेम में
न महसूस होती अगर
तेरे क़दमों की सुगबुगाहट
घर के उस कोने से
जहाँ मन्दिर की घंटियाँ सी बजती रहती हैं
भूल जाता माँ तुझे
न देखता छोटी बेटी में तेरी झलक
या सुबह से शाम तेरे होने का एहसास कराता
अपने अक्स से झाँकता तेरा चेहरा
के भूल तो सकता था रौशनी का एहसास भी
जो होती न कभी सुबह
या भूल जाता सूरज अपने आने की वजह
ऐसी ही कितनी बेवजह बातों का जवाब
किसी के पास नहीं होता ...
#कोशिश_माँ_को_समेटने_की
भूल जाता माँ तुझे
जवाब देंहटाएंन देखता छोटी बेटी में तेरी झलक
या सुबह से शाम तेरे होने का एहसास कराता
अपने अक्स से झाँकता तेरा चेहरा
बेहद हृदयस्पर्शी रचना 👌👌
माँ की झलक बेटियों में..., माँँ के कदमों की सुगबुगाहट हर समय अपने आस-पास...,ऐसा भाव और स्नेह भला लकड़ी के फ्रेम में कैसे समा सकता है ? अत्यंत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसृजन ।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (07-01-2020) को "साथी कभी साथ ना छूटे" (चर्चा अंक-3573) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
लाजवाब हमेशा की तरह।
जवाब देंहटाएंकैद कर देता लकड़ी के फ्रेम में
जवाब देंहटाएंन महसूस होती अगर
तेरे क़दमों की सुगबुगाहट
घर के उस कोने से
जहाँ मन्दिर की घंटियाँ सी बजती रहती हैं
जब माँ के कदमों की सुगबुगाहट महसूस हो अपनो के चेहरे में माँ का अक्स हो फिर माँ को फ्रेम में लगाकर फूलमाला से सजाना गलत ही है....दिल के कोने में रहती माँ!!!
वाह!!!!
बहुत ही लाजवाब उत्कृष्ट रचना
कैद कर देता लकड़ी के फ्रेम में
जवाब देंहटाएंन महसूस होती अगर
तेरे क़दमों की सुगबुगाहट
जीवंत अहसास को जीने का रास्ता मिल जाता है. बहुत सुंदर.
वाह! बहुत सुंदर पंक्तियाँ।
जवाब देंहटाएंभूल जाता माँ तुझे
जवाब देंहटाएंन देखता छोटी बेटी में तेरी झलक
या सुबह से शाम तेरे होने का एहसास कराता
अपने अक्स से झाँकता तेरा चेहरा
हर तरह तू ही तू माँ ..... दिल की अतल गहराई को छूती पंक्तियाँ
सादर
जवाब देंहटाएंके भूल तो सकता था रौशनी का एहसास भी
जवाब देंहटाएंजो होती न कभी सुबह
या भूल जाता सूरज अपने आने की वजह
ऐसी ही कितनी बेवजह बातों का जवाब
किसी के पास नहीं होता ...सदैव की तरह अद्भुत , सम्मानित और बेहतरीन शब्द !!
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंयह किताब मील का पत्थर साबित होगी एक बेटा का अपनी माँ के लिये अतुलनीय भाव और उनकी अभिव्यक्ति के लिये . मैंने देखा कि एक पूरे साल आपने माँ की याद में ही बड़ी मार्मिक कविताएं लिखीं . माँ के लिये ऐसा भाव मैंने कहीं नहीं देखा . मेरा हृदय श्रद्धा से भर उठा था . आप लगभग रोज लिखते हैं . मैं रोज नहीं पढ़ पाती पर जब भी पढ़ती हूँ एकसाथ पढ़ती हूँ . आप सच्चे अर्थों में वाणीपुत्र हैं
जवाब देंहटाएंwow nice man, your blog traffic is good and there are lots of visitors, hopefully there will be more visits. thank you
जवाब देंहटाएंभूल जाता माँ तुझे
जवाब देंहटाएंन देखता छोटी बेटी में तेरी झलक
या सुबह से शाम तेरे होने का एहसास कराता
अपने अक्स से झाँकता तेरा चेहरा
बहुत खूब जनाब,हमेशा की तरह।
दिल्ली के पास ही होता तो जरूर आ जाता।माफी चाहता हूं
अत्यंत सुन्दर
जवाब देंहटाएंAapka Article Bhaut hi Accha Hai
जवाब देंहटाएंAap Aise Hi Aur Article Ko Likhe
Read More About Also Holi Par Nibandh Hindi Mein || Short Essay On Holi Festival In Hindi
बहुत सुंदर...
जवाब देंहटाएंBahut khoob
जवाब देंहटाएंI am a Ayurvedic Doctor.
Cancer Treatment, Kidney Care and Treatment, HIV AIDS
Bahut khoob
जवाब देंहटाएंMust check On Happy Mothers day Quotes
Mothers day Quotes
Mothers Day Tamil Quotes
Mothers Day Tamil Quotes Images