गम के किस्से,
ख़ुशी के ठेले हैं
ज़िन्दगी में
बहुत झमेले हैं
वक़्त का भी अजीब आलम है
कल थी तन्हाई आज मेले हैं
बस इसी बात से तसल्ली है
चाँद सूरज सभी अकेले हैं
भूल जाते हैं सब बड़े हो कर
किसके हाथों में रोज़ खेले हैं
चुप से
बैठे हैं आस्तीनों में
नाग हैं
या के उसके चेले हैं
टूट जाते हैं गम की आँधी से
लोग मिट्टी के कच्चे ढेले हैं
कितने मीठे हैं आज ये जाना
चन्द यादों के कुछ करेले हैं
खोल के
ज़ख्म सब दिखा देंगे
मत कहो
तुमने दर्द झेले हैं
बहुत दिनों बाद बेहद शानदार जानदार गज़ल लिखी आपने सर।
जवाब देंहटाएंहर बंध लाजवाब है।
सादर।
बहुत आभार श्वेता जी ...
हटाएंवक़्त का भी अजीब आलम है
जवाब देंहटाएंकल थी तन्हाई आज मेले हैं
बस इसी बात से तसल्ली है
चाँद सूरज सभी अकेले हैं
कई दिनों के बाद एक खूबसूरत सी ग़ज़ल का आग़ाज़.. जीवनानुभव पर शाश्वत सृजन ..बहुत सुन्दर ।
आपको गज़ल पसंद आने का आभार मीना जी ...
हटाएंउम्दा अशआर।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ग़ज़ल।
आभार शास्त्री जी ...
हटाएंवाह!दिगंबर जी ,क्या बात है !लाजवाब !
जवाब देंहटाएंबहुत आभार शुभा जी ...
हटाएंवाह दिगम्बर जी बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत आभार उर्मिला जी ...
हटाएंहोंगे नहीं तो भी बना देंगे
जवाब देंहटाएंजख्म अगर नहीं भी झेले हैं :)
लाजवाब।
बहुत शुक्रिया ...
हटाएंचन्द यादों के कुछ करेले हैं
जवाब देंहटाएंनया बिम्ब
वाह
शुक्रिया सर ...
हटाएं
जवाब देंहटाएंखोल के ज़ख्म सब दिखा देंगे
मत कहो तुमने दर्द झेले हैं
बहुत खूब ,शानदार गजल
आभार ज्योति जी ...
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" गुरुवार 30 जून 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया ...
हटाएंटूट जाते हैं गम की आँधी से
जवाब देंहटाएंलोग मिट्टी के कच्चे ढेले हैं
कितने मीठे हैं आज ये जाना
चन्द यादों के कुछ करेले हैं
बेमिसाल अशआर
शुक्रिया विभा जी ...
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 30 जून 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत आभार ...
हटाएंकितने मीठे हैं आज ये जाना
जवाब देंहटाएंचन्द यादों के कुछ करेले हैं
वाह! वाह!! और सिर्फ वाह!!!
आपका आभार सर ...
हटाएंबहुत ही शानदार गजल, दिगंबर भाई।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ज्योति जी ...
हटाएंकितने मीठे हैं आज ये जाना
जवाब देंहटाएंचन्द यादों के कुछ करेले हैं
बहुत खूब ,जीवन के छोटी छोटी बारीकियों को समेटता शानदर गजल ,सादर नमन आपको
बहुत आभार कामिनी जी ...
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (01-07-2020) को "चिट्टाकारी दिवस बनाम ब्लॉगिंग-डे" (चर्चा अंक-3749) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
--
बहुत आभार ...
हटाएंवाह ! उम्दा गजल, जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों से बुनी सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अनीता जी ...
हटाएंबस इसी बात से तसल्ली है
जवाब देंहटाएंचाँद सूरज सभी अकेले हैं
वाह!!!
टूट जाते हैं गम की आँधी से
लोग मिट्टी के कच्चे ढेले हैं
क्या बात....
लाजवाब गजल आपकी एक से बढ़कर एक शेर
वाह वाह।
आभार सुधा जी ...
हटाएंआपकी रचना का बेसब्री से इंतज़ार होता हैं जानती हूँ कुछ बहुत ही रोचक पढ़ने को मिलेगा और आज तक कभी निराश नहीं हुई
जवाब देंहटाएंजंगली गुलाबों की प्यारी थी इस कड़वे करेले की लज़्ज़त उतनी ही जायेकेदार है
कितने मीठे हैं आज ये जाना
चन्द यादों के कुछ करेले हैं
बस इसी बात से तसल्ली है
चाँद सूरज सभी अकेले हैं
चुप से बैठे हैं आस्तीनों में
नाग हैं या के उसके चेले हैं
एक से बढ़ कर एक , सच आज तो ब्लॉग जगत में आना सार्थक हुआ
बहुत बहुत आभार एशिया लिखने के लिए
सादर नमस्कार
आपका आना गज़ल को सार्थक कर गया ... बहुत आभार ...
हटाएंबस इसी बात से तसल्ली है
जवाब देंहटाएंचाँद सूरज सभी अकेले हैं.....
कितने मीठे हैं आज ये जाना
चन्द यादों के कुछ करेले हैं
शीर्षक में रखा करेला भी मीठा है जब पता चलता है कि वो भी सहेजी हुई यादों का हिस्सा है जिन्हें पाल कर रखना ज़रूरी लगता है. यह आपकी लेखनी से संभव हुआ. बहुत खूब.
करेले मीठे भी होते हैं ... बहुत आभार आपका सर ...
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंआभार आपका ...
हटाएंबेहतरीन गजल
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अनीता जी ...
हटाएंभूल जाते हैं सब बड़े हो कर
जवाब देंहटाएंकिसके हाथों में रोज़ खेले हैं...हृदयस्पर्श सृजन सर.
याद रहता है परंतु उन हाथों का मरहम नहीं बन सकते.
सादर प्रमाण
जी ये भी एक मत है .... आभार आपका ...
हटाएंजीवन का फलसफा छुपा है आप के शब्दों में
जवाब देंहटाएंबहुत आभार राकेश जी ...
हटाएंवाह ! आदरणीय बहुत बहुत ही सुन्दर कमाल की अभिव्यक्ति है वाकई यादों के करेलों सा मीठा कुछ नहीं। छोटी सी ग़ज़ल में पुरे जीवन का ताना बाना बुन डाला आपने
जवाब देंहटाएंएक एक पंक्ति एक एक शब्द क़ाबिले तारीफ़ सच बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत आभार आपका ...
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया है ...
जवाब देंहटाएंकितने मीठे हैं आज ये जाना
जवाब देंहटाएंचन्द यादों के कुछ करेले हैं
खोल के ज़ख्म सब दिखा देंगे
मत कहो तुमने दर्द झेले हैं....एकदम बेहतरीन
आभार योगी जी ...
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