मंगलवार, 29 दिसंबर 2020
कभी वो आपकी, अपनी कभी सुनाते हैं
२०२० कई खट्टी-मीठी यादें ले के बीत गया ... जीवन जीने का नया अंदाज़
सिखा गया ... आप सब सावधान रहे, संयम बरतें ... २०२१ का स्वागत करें ... मेरी बहुत बहुत
शुभकामनायें सभी को ...
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वाह बहुत ही शानदार सृजन
जवाब देंहटाएंवाह!!
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुंदर सृजन।
आपके लिये भी आगामी वर्ष अत्यंत शुभ हो।
आशा है स्वस्थ होंगे।
बेहद खूबसूरत सृजन
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकभी न प्यार में रिश्तों को आजमाना तुम
जवाब देंहटाएंके आजमाने से रिश्ते भी टूट जाते हैं
बहुत सुंदर
लाजवाब
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों के बाद आपका ग़ज़ल पढ़ पाया। मक़्ते ने ग़ज़ल में चार चाँद ला दिया है. आपको भी नया साल मुबारक।
जवाब देंहटाएंसमय के साथ जीने का नया अंदाज भी अपने आप में मजेदार है । साथ ही सुनने- सुनाने का सिलसिला अनवरत जारी रहे । हमारी भी हार्दिक शुभकामनाएँ है ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति, दिगम्बर भाई। नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सराहनीय गजल ।नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंआने वाले नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
उम्दा प्रस्तुति । लाजबाव ।
जवाब देंहटाएंकभी न प्यार में रिश्तों को आजमाना तुम
जवाब देंहटाएंके आजमाने से रिश्ते भी टूट जाते हैं
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लाजवाब लिखा है। आपको नए वर्ष की अग्रिम बधाई।
किसी के आने की हलचल थीं इन हवाओं में
जवाब देंहटाएंतभी पलाश के ये फूल खिलखिलाते हैं
बेहतरीन ...मनमोहक भावों से सजी सुन्दर ग़ज़ल । 2021 की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं।
कभी न प्यार में रिश्तों को आजमाना तुम
जवाब देंहटाएंके आजमाने से रिश्ते भी टूट जाते है
वाह!!!!
हमेशा की तरह बहुत ही लाजवाब गजल
आपको भी नववर्ष की अनंत शुभकामनाएं।
वाह!बहुत ही सुंदर सर।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत बढ़िया , बधाई !!
जवाब देंहटाएंआदरणीय नसवा साहब, इस अच्छी सी कृति हेतु बधाई स्वीकार करें। ।।।।
जवाब देंहटाएंआगामी नववर्ष की अग्रिम शुभकामनायें। ।।
आदरणीय,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग "ग़ज़लयात्रा" में आपका स्वागत है। इसमें आप भी शामिल हैं-
http://ghazalyatra.blogspot.com/2020/12/2021.html?m=1
नया साल 2021 | नयी उम्मीदें | कुछ नई-पुरानी ग़ज़लें | डॉ. वर्षा सिंह
ग़ज़लों के आईने में नया साल
हार्दिक शुभकामनाओं सहित
सादर
- डॉ. वर्षा सिंह
सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 01-01-2021) को "नए साल की शुभकामनाएँ!" (चर्चा अंक- 3933) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
वाह। लाजवाब।
जवाब देंहटाएंकभी न प्यार में रिश्तों को आजमाना तुम
जवाब देंहटाएंके आजमाने से रिश्ते भी टूट जाते हैं
वाह !!बहुत खूब
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत सुंदर l
जवाब देंहटाएंआपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं l
किसी के आने की हलचल थीं इन हवाओं में
जवाब देंहटाएंतभी पलाश के ये फूल खिलखिलाते हैं
–सुन्दर रचना
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें नासवा साहब, आज बहुत दिनों बाद पढ़ने को मिली आपकी रचना...शानदार
जवाब देंहटाएंकभी न प्यार में रिश्तों को आजमाना तुम
के आजमाने से रिश्ते भी टूट जाते हैं...बहुत खूब
हमारे प्यार की वो दास्ताँ बताते हैं
जवाब देंहटाएंमेरी दराज़ के कुछ ख़त जो गुनगुनाते हैं
चलो के मिल के करें हम भी अपने दिल रोशन
अँधेरी रात में जब दीप झिलमिलाते हैं
बेहद ख़ूबसूरत ग़ज़ल ...🌹🌹🌹
नववर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं ⭐🌹🙏🌹⭐
बहुत सुन्दर सृजन - - नूतन वर्ष की असंख्य शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ! नव वर्ष की शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंसुन्दर,हृदयस्पर्शी रचना के लिए धन्यवाद एवं बधाई दिगम्बर जी। 💐
जवाब देंहटाएं*इस साल न कोरोना, न कोरोना का रोना,*
*अब तो हमें नई उम्मीदों के नए बीज बोना।*
*उग आएं दरख़्त इंसानियत से फूले-फले,*
*महक उठे हर दर, हर घर का कोना-कोना।।*
*नव-वर्ष मंगलकारी हो, परम उपकारी हो।*
शुभेच्छाओं सहित।
कभी न प्यार में रिश्तों को आजमाना तुम
जवाब देंहटाएंके आजमाने से रिश्ते भी टूट जाते हैं
बिलकुल सही बात
बशीर बद्र जी की गजल की पक्तियां याद आने लगी कि
परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता.
कभी न प्यार में रिश्तों को आजमाना तुम
जवाब देंहटाएंके आजमाने से रिश्ते भी टूट जाते हैं
बहुत ही लाजवाब ...सटीक एवं उत्कृष्ट
वाह!!!!
सुंदर ग़ज़ल. इन पंक्तियों में ख़वाबों में जागने का अद्भुत ख़्याल है-
जवाब देंहटाएंझुकी झुकी सी निगाहें हैं पूछती मुझसे
ये किसके ख्वाब हैं जो रात भर जगाते हैं
बहुत बढ़िया ।
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