स्वप्न मेरे: कैसे कह दूँ की अब घात होगी नही ...

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

कैसे कह दूँ की अब घात होगी नही ...

तुम झुकोगे नहीं बात होगी नही.
ज़िन्दगी भर मुलाक़ात होगी नही.
 
थाम लो हाथ किस्मत से मिलता है ये,
उम्र भर फिर ये सौगात होगी नही.
 
आज मौका मिला है तो दामन भरो,
फिर ये खुशियों की बरात होगी नहीं.
 
धूप ने है बनाया अँधेरों में घर,
देखना अब कभी रात होगी नही.
 
दिल में नफरत के दीपक जो जलते रहे,  
मीठे पानी की बरसात होगी नही.
 
सच के साहस के आगे टिके रह सके,
झूठ की इतनी औकात होगी नही.
 
घर के बाहर है दुश्मन तो अन्दर भी है,
कैसे कह दूँ की अब घात होगी नही.

19 टिप्‍पणियां:

  1. सच के साहस के आगे टिके रह सके,
    झूठ की इतनी औकात होगी नही....

    सुंदर ग़ज़ल...

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  2. बहुत सुंदर सार्थक भाव लिए उमर्दा ग़ज़ल

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  3. बहुत बहुत सुन्दर प्रशंसनीय गजल

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  4. घर के बाहर है दुश्मन तो अन्दर भी है,
    कैसे कह दूँ की अब घात होगी नही.
    बहुत खूब !! अत्यंत सुन्दर ग़ज़ल ।

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  5. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2028...कलेंडर पत्र-पत्रिकाओं में सिमट गया बसंत...) पर गुरुवार 04 फ़रवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  6. आज मौका मिला है तो दामन भरो,
    फिर ये खुशियों की बरात होगी नहीं.

    वाकई जिंदगी एक बार मौका देती है उसे चूकना नहीं चाहिए, सुंदर भावपूर्ण रचना !

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  7. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (०४-०२-२०२१) को 'जन्मदिन पर' (चर्चा अंक-३९६७) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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  8. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  9. धूप ने है बनाया अँधेरों में घर,
    देखना अब कभी रात होगी नही.
    बहुत खूब,लाजबाब हमेशा की तरह सादर नमन आपको

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  10. वर्तमान परिपेक्ष्य में रची गयी बेहतरीन ग़ज़ल।

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  11. घर के बाहर है दुश्मन तो अन्दर भी है, कैसे कह दूँ की अब घात होगी नही''
    सार्थक अभिव्यक्ति

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  12. तुम झुकोगे नहीं बात होगी नही.
    ज़िन्दगी भर मुलाक़ात होगी नही...
    शुरूआत ही बहुत खूब है ! सारे शेर लाजवाब।

    धूप ने है बनाया अँधेरों में घर,
    देखना अब कभी रात होगी नही..
    ये मुझे बहुत पसंद आया।

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  13. बहुत ख़ूब कहा है--

    तुम झुकोगे नहीं बात होगी नही.

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  14. दिल में नफरत के दीपक जो जलते रहे,
    मीठे पानी की बरसात होगी नही.
    बहुत ही शानदार और व्यवहारिक ग़ज़ल 

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  15. बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण रचना ।

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आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है