कहीं से छूट गए पर कही से उलझे हैं
कहीं से छूट गए पर कही से उलझे हैं.
हम अपनी ज़िन्दगी में यूँ सभी से उलझे हैं.
नदी है जेब में पर तिश्नगी से उलझे हैं,
अजीब लोग हैं जो खुदकशी से उलझे हैं.
नहीं जो प्रेम, पतंगों की
ख़ुद-कुशी कह लो,
समझते-बूझते जो रौशनी से उलझे हैं.
तरक्कियों के शिखर झुक गए मेरी खातिर,
मगर ये दीद गुलाबी कली से उलझे हैं.
जो अपने सच से भी नज़रें चुरा रहे अब तक,
किसी के झूठ में वो ज़िन्दगी से उलझे हैं.
सुनो ये रात हमें दिन में काटनी होगी,
अँधेरे देर से उस रौशनी से उलझे हैं.
किसी से नज़रें मिली, झट से प्रेम, फिर शादी,
ज़ईफ़ लोग अभी कुण्डली से उलझे हैं.
निगाह में तो न आते सुकून से रहते,
गजल कही है तो उस्ताद जी से उलझे हैं.
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार २६ नवंबर २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
लाजवाब
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर व प्यारी शेरो-शायरी। हर पंक्ति पढ़ कर आनंद आ गया। सुंदर रचना के लिए आभार व आपको प्रणाम।
जवाब देंहटाएंवाह नदी है जेब में फिर। भी प्यास ....
जवाब देंहटाएंखूबसूरत ग़ज़ल । हर शेर एक से बढ़ कर एक ।।
सुनो ये रात हमें दिन में काटनी होगी,
जवाब देंहटाएंअँधेरे देर से उस रौशनी से उलझे हैं.
वाह!! बहुत ख़ूब
किसी एक शेर को दाद दें तो दूसरा रह जाता है। अत्यंत नाज़ुक एहसाओं की कहानी कहती सरस और मधुर शेरो से सजी गज़ल के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दिगम्बर जी। नए मिजाज़ की रचना में सरल और सहज अभिव्यक्ति जो मन को छूती बस वाह कहने को विवश करती है।🙏🙏🌷🌷
जवाब देंहटाएंकिसी से नज़रें मिली, झट से प्रेम, फिर शादी,
जवाब देंहटाएंज़ईफ़ लोग अभी कुण्डली से उलझे हैं.
निगाह में तो न आते सुकून से रहते,
गजल कही है तो उस्ताद जी से उलझे हैं.
वाह और सिर्फ़ वाह 👌👌👌🙏🙏
वाह्ह्ह! शानदार हर शेर मुकम्मल हर शेर लाजवाब किसको कहें अच्छा बस इसी उलझन में उलझे हैं।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन।
बहुत बहुत सुन्दर गजल
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब..
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंजो अपने सच से भी नज़रें चुरा रहे अब तक,
किसी के झूठ में वो ज़िन्दगी से उलझे हैं.
सुनो ये रात हमें दिन में काटनी होगी,
अँधेरे देर से उस रौशनी से उलझे हैं... क्या कहा आपने । लाजवाब पंक्तियाँ, लाजवाब सृजन ।
सुनो ये रात हमें दिन में काटनी होगी,
जवाब देंहटाएंअँधेरे देर से उस रौशनी से उलझे हैं.
वाह वाह!!!!
किसी से नज़रें मिली, झट से प्रेम, फिर शादी,
ज़ईफ़ लोग अभी कुण्डली से उलझे हैं.
कमाल की गजल
बहुत ही लाजवाब।
तरक्कियों के शिखर झुक गए मेरी खातिर,
जवाब देंहटाएंमगर ये दीद गुलाबी कली से उलझे हैं.
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वाह-वाह! क्या खूब लिखा है।
सुनो ये रात हमें दिन में काटनी होगी,
जवाब देंहटाएंअँधेरे देर से उस रौशनी से उलझे हैं.
बहुत खूब !!!
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जवाब देंहटाएंIs online casino Safe & Legit 아이 벳 25 to Sign Up? ➤ Read on 카지노꽁머니사이트 for details & get your bonus now! ✓ Read 코인카지노 player feedback and discover the best 메이플 슬롯 강화 online casino 카지노 사이트 추천