लगता है अपने आप के हम भी नहीं रहे ...
ईमान, धर्म, कौल, भरोसा, यकीं रहे.
मेरे भी दिल में, तेरे भी दिल में कहीं रहे.
हर-सू हो
पुर-सुकून, महकती हो रह-गुज़र,
चादर हो आसमां की
बिस्तर ज़मीं रहे.
गम हो के
धूप-छाँव, पशेमान ज़िन्दगी,
होठों पे
मुस्कुराहटें दिल में नमीं रहे.
चिंगारियाँ
सुलगने लगी हैं दबी-दबी,
कह दो हवा से आज
जहाँ है वहीँ रहे.
रिश्तों की आढ़ ले
के किसी को न बाँधना,
दिल में तमाम
उम्र रहे, वो कहीं रहे.
परवरदिगार हमको
अता कर सलाहियत,
सर पर तेरे यकीन
की चादर तनीं रहे.
एक-एक कर के छीन
लिया मुझसे सब मेरा,
लगता है अपने आप
के हम भी नहीं रहे.
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (08-12-2021) को चर्चा मंच "निमित्त है तू" (चर्चा अंक 4272) पर भी होगी!
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
रिश्तों की आढ़ ले के किसी को न बाँधना,
जवाब देंहटाएंदिल में तमाम उम्र रहे, वो कहीं रहे.
वाह! हमेशा की तरह एक एक शेर लाजबाव,सादर नमस्कार आपको
बहुत खूब ! बेहद खूबसूरत और चिन्तनपरक अश'आर.... लाज़वाब गज़ल । अत्यंत सुंदर सृजन ।
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंरिश्तों की आढ़ ले के किसी को न बाँधना,
जवाब देंहटाएंदिल में तमाम उम्र रहे, वो कहीं रहे.
लाज़वाब शेर है।
नमन
बहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंरिश्तों की आढ़ ले के किसी को न बाँधना,
जवाब देंहटाएंदिल में तमाम उम्र रहे, वो कहीं रहे... वाह!लाज़वाब सर।
सादर
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 09 दिसंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंलाजवाब हर शे'र..
जवाब देंहटाएंचिंगारियाँ सुलगने लगी हैं दबी-दबी,
कह दो हवा से आज जहाँ है वहीँ रहे..वाह!!
वाह बेहद खूबसूरत । लाजवाब !!
जवाब देंहटाएंलाजवाब शेरों से सज्जित बेहतरीन गजल । हर शेर तारीफ के लायक है । बहुत शुभकामनाएं दिगंबर जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्द। बधाई।
जवाब देंहटाएंरिश्तों की आढ़ ले के किसी को न बाँधना,
जवाब देंहटाएंदिल में तमाम उम्र रहे, वो कहीं रहे.
काश हो पाता ऐसा । हर शेर बहुत उम्दा 👌👌👌👌
एक-एक कर के छीन लिया मुझसे सब मेरा,
जवाब देंहटाएंलगता है अपने आप के हम भी नहीं रहे.
अपने के बगैर अस्तित्व ही क्या रह जाता है अपना...
बहुत ही भावपूर्ण गजल
एक से बढ़कर एक दिल को छूते शेर
वाह!!!
चिंगारियाँ सुलगने लगी हैं दबी-दबी,
जवाब देंहटाएंकह दो हवा से आज जहाँ है वहीँ रहे.
हर शेर बेमिसाल हर शेर गहन भाव समेटे उम्दा , लाजवाब।
बेहतरीन सृजन।
बहुत खूबसूरती से लिखा आपने नासवा जी, रिश्तों की आढ़ ले के किसी को न बाँधना,
जवाब देंहटाएंदिल में तमाम उम्र रहे, वो कहीं रहे....बहुत कुछ कह गए ये शब्द
ईमान, धर्म, कौल, भरोसा, यकीं रहे.
जवाब देंहटाएंमेरे भी दिल में, तेरे भी दिल में कहीं रहे.
बस यही हौसला बना रहे, सच के प्रति आस्था और अपनों के प्रति विश्वास भी, दिल को छू लेने वाले अश्यार, मुबारक!
एक-एक कर के छीन लिया मुझसे सब मेरा,
जवाब देंहटाएंलगता है अपने आप के हम भी नहीं रहे.....हर एक शेर , हर एक अलफ़ाज़ अपना सा लगता है , अपनी बात कहता हुआ सा लगता है और इससे आपके शब्दों के साथ खुद को जुड़ा महसूस करता हूँ
Valentine Day Cakes Online
जवाब देंहटाएंValentines Day Combo Gifts Online
जवाब देंहटाएंThanks for sharing valuable information ! Send Online Gifts to India
जवाब देंहटाएं