जब तक नहीं पड़ती धूल आँखों में
एहसास नहीं होता
आती-जाती साँसों का एहसास भी तब तक नहीं
रुकने न लगे हवा जब तक
वैसे रात का एहसास भी रौशनी के जाने से नहीं
अंधेरे के आने से होता है
मैं जानता हूँ नहीं जुडी ऐसी कोई भी वजह तेरे एहसास के साथ
सिवाए इसके की मैं तुझे प्रेम करने के लिए पैदा हुआ हूँ
मेरे जंगली गुलाब तेरे होने का एहसास मेरी साँसों तक तो है न
...
#जंगली_गुलाब
वाह
जवाब देंहटाएंनिशब्द होना कैसे व्यक्त करूँ...
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 9 जून 2022 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंएहसास पर ही जैसे टिकी दुनिया ।।बहुत खूब ।👌👌👌
जवाब देंहटाएंगज़ब ! सटीक व्याख्या , गहन अहसास समेटे भाव।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
प्रेम करने के लिए नहीं, प्रेम ही बन जाता है अस्तित्त्व जब, तब उसके अहसास की कोई वजह नहीं होती
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत उम्दा!
जवाब देंहटाएंवैसे रात का एहसास भी रौशनी के जाने से नहीं
जवाब देंहटाएंअंधेरे के आने से होता है,
गहन रचना
वाह ..रोशनी के जाने और अँधेरे के आने में कितना फर्क होता है ..प्रेम का खूबसूरत एहसास .
जवाब देंहटाएंप्रेम और एहसास से लबरेज सुन्दर सृजन,सादर 🙏
जवाब देंहटाएंबेवजह होनेवाला एहसास ही खास होता है। एहसास की कोई वजह तो तो वह सामान्य सा लेन देन का रिश्ता बन जाता है।
जवाब देंहटाएंपल पल होने वाले अहसास ही हम में मानवीय गुणों का संचार करते हैं जिनमें प्रेम का अहसास सबसे अनूठा है । ढाई अक्षर के भाव को पोषित करता अनुपम सृजन ।
जवाब देंहटाएंसिवाए इसके की मैं तुझे प्रेम करने के लिए पैदा हुआ हूँ
जवाब देंहटाएंमेरे जंगली गुलाब तेरे होने का एहसास मेरी साँसों तक तो है न ... अहसास का बेहतरीन चित्रण ।
बहुत अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंवाह👌
जवाब देंहटाएंजंगली गुलाब के होने का एहसास साँसों को
जवाब देंहटाएंइससे बेहतर एहसास और क्या...
बहुत ही लाजवाब
वाह!!!
तुझे प्रेम करने के लिए पैदा हुआ हूँ
जवाब देंहटाएंमेरे जंगली गुलाब तेरे होने का एहसास मेरी साँसों तक तो है न ... //////
👌👌👌👌🙏🙏
एक बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएं....बेहद खूबसूरत बहुत ही लाजवाब
जवाब देंहटाएंपढ़कर स्तब्ध रह गया हूँ दिगंबर जी। कहूँ भी तो क्या कहूँ?
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