बीतते बीतते आज दस वर्ष हो गए, वर्ष बदलते रहे पर तारीख़ वही 25 सितम्बर … सच है जाने वाले याद रहते हैं मगर तारीख़ नहीं, परदेख आज की तारीख़ ऐसी है जो भूलती ही नहीं … तारीख़ ही क्यों, दिन, महीना, साल, कुछ भी नहीं भूलता … और तू … अब क्या कहूँ… मज़ा तो अब भी आता है तुझसे बात करने का … तुझे महसूस करने का …
माँ हक़ीक़त में तु मुझसे दूर है.
पर मेरी यादों में तेरा नूर है.
पहले तो माना नहीं था जो कहा,
लौट आ, कह फिर से, अब मंज़ूर है.
तू हमेशा दिल में रहती है मगर,
याद करना भी तो इक दस्तूर है.
रोक पाना था नहीं मुमकिन तुझे,
क्या करूँ अब दिल बड़ा मजबूर है.
तू मेरा संगीत, गुरु-बाणी, भजन,
तू मेरी वीणा, मेरा संतूर है.
तू ही गीता ज्ञान है मेरे लिए,
तू ही तो रसखान, मीरा, सूर है.
तू खुली आँखों से अब दिखती नहीं,
पर तेरी मौजूदगी भरपूर है.
नमन 🙏🙏
जवाब देंहटाएंसुंदर शब्दांजलि
माँ चाहे अपनी हो या इस सम्पूर्ण सृष्टि की माँ प्रकृति हो, अथवा देवी माँ हो आपके शब्द सभी के लिए शत प्रतिशत सही बैठ रहे हैं!! शत शत नमन
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना सोमवार 26 सितम्बर ,2022 को
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(२६-०९ -२०२२ ) को 'तू हमेशा दिल में रहती है'(चर्चा-अंक -४५६३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
सूरदास ने बांह छुड़ा कर जाते हुए कान्हाजी से कहा था -
जवाब देंहटाएंबांह छुड़ाए जात हो, निबल जानि के मोहि,
हिरदे तब जाहुगे, सबल कहोंगी तोय !
ऐसे ही हमारी माँ अगर भगवान जी के पास भी चली जाए तो वो हमारे दिल से कहाँ जाती है?
सुन्दर
जवाब देंहटाएंमाँ के लिए हृदय स्पर्शी पंक्तियाँ! सभी को भावुक कर गई आपकी ये रचना नासवा जी।
जवाब देंहटाएंहृदय तक उतरता सृजन।
अत्यंत भावपूर्ण और अगाध स्नेह से भरी कोमल अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंविशेष सृजन सर।
सादर।
हृदय स्पर्शी रचना
जवाब देंहटाएंतू ही गीता ज्ञान है मेरे लिए,
जवाब देंहटाएंतू ही तो रसखान, मीरा, सूर है.
तू खुली आँखों से अब दिखती नहीं,
पर तेरी मौजूदगी भरपूर है.
बहुत भावुक रचना- उषा किरण
बहुत ही भावपूर्ण एवं हृदयस्पर्शी सृजन
जवाब देंहटाएंतू खुली आँखों से अब दिखती नहीं,
पर तेरी मौजूदगी भरपूर है.
इतना अगाध प्रेम एवं संवेदनाएं माँ के लिए आँखें नम कर गयी ।
तु हमेशा दिल में रहती है मगर,
जवाब देंहटाएंयाद करना भी तो इक दस्तूर है.
सही कहा आपने मां कब बिसरती है
हृदय स्पर्शी सृजन,सादर नमस्कार आपको 🙏
माता जी को विनम्र श्रद्धांजलि 🙏
जवाब देंहटाएंतू खुली आँखों से अब दिखती नहीं,
पर तेरी मौजूदगी भरपूर है.
.. मां की याद में बहुत ही सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
मां को मेरा सादर नमन और वंदन।
आपका माँ को याद करना पढ़कर , दिल भर आता है .
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुन्दर रचना ! आपने बहुत ही सुन्दर लिखा है। इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।रंगोली फोटो
जवाब देंहटाएंसिंपल रंगोली फोटो
चश्म तर हो जाता है जब भी माँ के ऊपर आपकी रचनाएं पढता हूँ।
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता!
जवाब देंहटाएंक्षमा करें अगर मेरी भारतीय भाषा को समझना मुश्किल है
greetings from malaysia
द्वारा टिप्पणी: muhammad solehuddin
शुक्रिया
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जवाब देंहटाएंThanks for sharing useful information
जवाब देंहटाएंUMJ berkemajuan
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