झूठा लिबास ओढ़ के घबरा गया हूँ मैं.
अपना ही जिस्म छोड़ के फिर आ गया हूँ मैं.
बंदिश में ताल, छंद के गाया गया हूँ मैं.
अपनी ग़ज़ल के शेर में पाया गया हूँ मैं.
यूँ तो ग़ुरूर तोड़ना मुमकिन नहीं हुआ,
गर्दन मरोड़ कर ही झुकाया गया हूँ मैं.
करते हैं सब पसंद या करता हूँ ग़लतियाँ,
क्यों फिर से बार-बार उठाया गया हूँ मैं.
त्योहार, तीज, मौक़े-बेमौके ही कद्र है,
जबरन सभी के बीच बिठाया गया हूँ मैं.
ठोकर लगाएँगे तो मुझे टूटना ही है,
पानी का बुलबुला जो बताया गया हूँ मैं.
धोखा नज़र का हूँ के हक़ीक़त है हैसियत,
इक आईने के सामने लाया गया हूँ में.
Aanand aa gya. ATI Sundar.❤️
जवाब देंहटाएंखुद अपने आप में अजनबी हो गया हूँ मैं
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंवाह! दिगंबर जी ,बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (09-07-2023) को "आया है चौमास" (चर्चा अंक 4671) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 08 जुलाई 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 09 जुलाई 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंयूँ तो ग़ुरूर तोड़ना मुमकिन नहीं हुआ,
जवाब देंहटाएंगर्दन मरोड़ कर ही झुकाया गया हूँ मैं.
वाह!!!
क्या बात...
बहुत ही लाजवाब 👌👌👌🙏🙏🙏🙏
वाह वाह!
जवाब देंहटाएंवाह वाह और सिर्फ वाह दिगम्बर जी।हमेशा की तरह सराहना से परे रचना।
जवाब देंहटाएंबंदिश में ताल, छंद के गाया गया हूँ मैं.
अपनी ग़ज़ल के शेर में पाया गया हूँ मैं.///
वाह वाह!!🙏
बहुत खूबसूरत
जवाब देंहटाएंवाह!!
जवाब देंहटाएंठोकर लगाएँगे तो मुझे टूटना ही है,
पानी का बुलबुला जो बताया गया हूँ मैं.
धोखा नज़र का हूँ के हक़ीक़त है हैसियत,
इक आईने के सामने लाया गया हूँ में.
बहतारीन शायरी!
यूँ तो ग़ुरूर तोड़ना मुमकिन नहीं हुआ,
जवाब देंहटाएंगर्दन मरोड़ कर ही झुकाया गया हूँ मैं...क्या बात है .