जब से इसरो ने कहा चंदा तुम्हारा हो गया.
जान था अबतक मगर अब जाँ से प्यारा हो गया.
चाँद की नाज़ुक सतह पर पाँव विक्रम के पड़े,
बस वही पल इस सदी का इक नज़ारा हो गया.
तुम सनातन देवता महबूब मामा अब भी हो,
दक्षिणी ध्रुव पर तुम्हारा अब हमारा हो गया.
द्वन्द दुविधा लक्ष्य दुर्गम राह से परिचय नहीं,
किंतु इसरो का रचा इतिहास न्यारा हो गया.
एल. वि. एम. ले कर उड़ा प्रज्ञान, विक्रम यान को,
कम बजट, थी तीव्र बुद्धि, बस गुज़ारा हो गया.
कर दिया है काम वो वैज्ञानिकों ने देश के,
गाल पर एलीट के थप्पड़ करारा हो गया.
चन्द्रमा के बाद सूरज, शुक्र, मंगल यान अब,
पथ सकल ब्रह्माण्ड का सुखमय ही सारा हो गया.
कुछ कड़ी मेहनत सफलता लक्ष्य मंगल कामनाएँ,
हो नहीं पाया था जो पहले दुबारा हो गया.
वाह! इसरो की सफलता पर सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंआप ने लिखा.....
जवाब देंहटाएंहमने पड़ा.....
इसे सभी पड़े......
इस लिये आप की रचना......
दिनांक 27/08/2023 को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की जा रही है.....
इस प्रस्तुति में.....
आप भी सादर आमंत्रित है......
वाह आदरणीय दिगंबर सर, लाजवाब अभिव्यक्ति जो देशाभिमान और देशभक्ति से ओतप्रोत है। कुछ उपलब्धियों में चाहे हमारा कोई योगदान ना हो, पर वे उपलब्धियाँ अपनी निजी उपलब्धियों से भी बढ़कर खुशी देती हैं। कुछ ऐसी ही है चंद्रयान 3 की कामयाबी।
जवाब देंहटाएं"कर दिया है काम वो वैज्ञानिकों ने देश के,
जवाब देंहटाएंगाल पर एलीट के थप्पड़ करारा हो गया."
वाह लाजवाब :))
सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंवाह, चन्द्रयान अभियान की सफलता पर इतनी सुन्दर रचना मैंने न कहीं देखी हैं और न ही लिख सकी हूँ .
जवाब देंहटाएंवाह , चन्द्रयान अभियान की सफलता पर हम खुशियाँ तो मनाते रहे पर इतनी अच्छी कविता नहीं लिख पाई मैं .
जवाब देंहटाएंलाजवाब सृजन ।
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंचन्द्रयान 3की सफलता पर अत्यंत उत्कृष्ट सृजन ।
बहुत बहुत लाजवाब।