स्वप्न मेरे: रक्षाबंधन …

बुधवार, 30 अगस्त 2023

रक्षाबंधन …

सभी भाईबहनों को रक्षा बंधन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ, इस पवित्र बन्धन पर एक भाई की भावनाओं को इस ग़ज़ल के माध्यम से व्यक्त करने का एक प्रयास … 🌹🌹🌹

वजह पूछे बिना सम्बंध सारे तोड़ लेती है.

बहन रक्षा के हर बन्धन को दिल से जोड़ लेती है.


दबा लेती है सारे राज़ सच्चे दोस्तों जैसे,

वो अपना आईना भाई की ख़ातिर फोड़ लेती है.


कभी हो जाए जो फिर भाई से कोई प्रतिस्पर्धा,

बिना सोचे कदम अपने वो पीछे मोड़ लेती है.


बड़ी होगी बहन तो खींच लेगी कान भाई के,

मगर माँ बाप  जाएँ तो चुप्पी ओढ़ लेती है.


ख़ुराफ़ातें हो मस्ती-ऐश कारस्तानियाँ जितनी,

बहन छोटी है तो हर दुख में मिल कर दौड़ लेती है.

10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 31 अगस्त 2023 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  2. बहुत अच्छी ग़ज़ल. बधाई और शुभकामनायें

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  3. भाई-बहन के स्नेह को दर्शाती सुंदर पंक्तियाँ

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  4. भाई-बहन के प्यार में पगी ख़ूबसूरत ग़ज़ल !

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  5. अत्यंत सुन्दर भावाभिव्यक्ति । हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  6. कभी हो जाए जो फिर भाई से कोई प्रतिस्पर्धा,

    बिना सोचे कदम अपने वो पीछे मोड़ लेती है.
    वाह!!!
    बहुत ही हृदयस्पर्शी एवं भावपूर्ण सृजन
    हार्दिक शुभकामनाएं।

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