स्वप्न स्वप्न स्वप्न, सपनो के बिना भी कोई जीवन है
वाह
मरहबा...👌👌👌
सुन्दर
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 01 जुलाई 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
दर्द को ज़ाहिर होने के लिए बस एक जुंबिश ही काफ़ी है, वह तो तैयार ही बैठा रहता है
बहुत सुन्दर
गजब...कतरा कतरा दर्द...
अंजान नजरों से...दर्द टपकता है बे-हिसाब क़तरा – क़तरा ...वाह!!!लाजवाब...
आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है
वाह
जवाब देंहटाएंमरहबा...👌👌👌
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 01 जुलाई 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंदर्द को ज़ाहिर होने के लिए बस एक जुंबिश ही काफ़ी है, वह तो तैयार ही बैठा रहता है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंगजब...कतरा कतरा दर्द...
जवाब देंहटाएंअंजान नजरों से...
जवाब देंहटाएंदर्द टपकता है बे-हिसाब क़तरा – क़तरा ...
वाह!!!
लाजवाब...