रविवार, 6 अक्तूबर 2024
ख़ास दिन …
कुछ कहने के लिए किसी ख़ास दिन की ज़रूरत नहीं है वैसे तो … पर अगर दिन ख़ास है तो क्यूँ न उस दिन तो कहा ही जाए … राधे-राधे 😊😊😊🌹🌹🌹🌹🌹
सुना है उम्र की पहली साँस से
होता है जीवन का आग़ाज़
पर सच कहूँ तो उसको जीने का आग़ाज़
होता है तब से
जब ज़िन्दगी में खिलता है जंगली गुलाब
वक़्त की निरंतर चाल उड़ाती है उसकी ख़ुशबू
महकाती है हर वो पल
जिसका सृजन होता है दो प्रेमियों के मिलन से
ऐसी ही है कुछ हमारी कहानी भी
आज ही तो खिला था
वो जंगली गुलाब मेरी कायनात में
#जंगली_गुलाब
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वाह
जवाब देंहटाएंयदि पहली श्वास न हो तो भला कहाँ खिलेगा कोई फूल
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 8 आक्टूबर 2024 को साझा की गयी है....... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
क्या कहने जंगली गुलाब के, बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण सृजन । बहुत बहुत बधाई ।
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