हीर ने तो मजनू ने भी प्रेम ही किया
पात्र बदलते रहे समय के साथ, प्रेम नहीं
वो तो रह गया अंतरिक्ष में, पुनः आने के लिए ...
किस्मत वाले होते हैं वो किरदार
प्रेम जिनका चयन करता है जीने के लिए
सच पूछो तो तुम भी
एक ऐसी ही रचना हो श्रृष्टि की ...
#जंगली_गुलाब
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंहर दिल की गहराई में वही तो छिपा है
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द शनिवार 09 नवंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंkya baat, bahut sundar!
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