स्वप्न मेरे: बिमारी ... प्रेम की ...

सोमवार, 11 नवंबर 2024

बिमारी ... प्रेम की ...

अजीब बिमारी है प्रेम
न लगे तो छटपटाता है
लग जाये तो ठीक होने का मन नहीं करता

समुंदर जिसमें बस तैरते रहो
आग जिसमें जलते रहो
शराब जिसको बस पीते रहो

जंगली गुलाब ... जिसे बस सोचते रहो ...

#जंगली_गुलाब

5 टिप्‍पणियां:

आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है