स्वप्न मेरे: ज़रुरत ...

शनिवार, 21 दिसंबर 2024

ज़रुरत ...

पचपन डिग्री पारे में
रेत के रेगितान पे चलते हुए
मरीचिका न मिले तो क्या चलना मुमकिन होगा
तुम भी न हो और हो सपने देखने पे पाबंदी
ऐसे तो नहीं चलती साँसें

जरूरी होता है एक हल्का सा झटका कभी कभी
रुकी हुयी सूइयाँ चलाने के लिए ...
#जंगली_गुलाब

1 टिप्पणी:

  1. जरूरी होता है एक हल्का सा झटका कभी कभी
    रुकी हुयी सूइयाँ चलाने के लिए ...
    बहुत ज़रूरी चेतना की जागृति के लिए ऐसा होना.., यथार्थ परक सृजन ।

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