दूरियों को पाटने वाला संवाद
या समय के साथ चौड़ी होती खाई ...
और संवाद ... वो क्या है
महज़ एक वार्तालाप ?
समझने, समझाने का माध्यम ?
या आने वाले सन्नाटे कि और बढ़ता, एक कदम ...
शायद अती में होने वाली हर स्थिति की तरह
मौन और संवाद की सीमा भी ज़रूरी है
वर्ना गिट भर कि दूरी
उम्र भर का फाँसला भी तय नहीं कर पाती ...
#स्वप्न_मेरे
सटीक
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