स्वप्न मेरे: सच का सच ...

शनिवार, 28 दिसंबर 2024

सच का सच ...

बिन बोले, बिन कहे
कितना कुछ कहा जा सकता है

पर जैसा कहा
क्या दूसरा वैसा ही समझ सकता है
क्या सच के पीछे छुपा सच समझ आता है

शायद हाँ ... शायद ना ...

शायद कई बार समझ तो आता है
पर समय निकल जाने के बाद 

इसे समझना कहें ... 
शायद हाँ ... शायद ना ... 

#स्वप्न_मेरे

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