स्वप्न मेरे: फ़रवरी 2025

बुधवार, 26 फ़रवरी 2025

महा शिवरात्रि …

महा शिवरात्रि के पावन दिवस की सभी को बहुत बहुत बधाई …. भोले नाथ की विशेष कृपा सदा सब पर रहे.
अभी कुछ दिन पहले बाबा भीमाशंकर के दर्शन का सौभाग्य मिला और बाबा की विशेष कृपा से कुछ लिखने को प्रभु ने प्रेरित किया … आज महा शिवरात्रि पर रचना के कुछ अँश प्रस्तुत कर रहा हूँ, शीघ्र ही पूरी रचना के साथ प्रस्तुत होऊँगा…जय जय भोले नाथ 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

तू उदय न अस्त में शेष है, तू प्रलय विनाश प्रलेश है
तू ही शब्द-अशब्द विशेष है, तू ही ब्रह्म-नाद में लेश है
तू भवेश,अशेष,महेश है, तू ही सर्व-बंध-विमोचनम्
तू ही डम-ड-डम, तू ही बम-ब-बम, तू त्रयम्बकम्, तू शिव:-शिवम्

तू ही संत असंत महंत है, तू क्षितिज है छोर दिगंत है
तू अनादि-आदि न अंत है, तू असीम अपार, अनंत है
तू अघोर घोर जयंत है, तू ही सर्व लोक चरा-चरम्
तू ही डम-ड-डम, तू ही बम-ब-बम, तू त्रयम्बकम्, तू शिव:-शिवम्

तू ही गीत-अगीत प्रगीत में, तू ही छन्द ताल पुनीत में
तू भविष्य में तू अतीत में, तू समय के साथ व्यतीत में
तू ही वाध यंत्र सुगीत में, तू मृदंग नृत्य है तांडवम्
तू ही डम-ड-डम, तू ही बम-ब-बम, तू त्रयम्बकम्, तू शिव:-शिवम्

तू पुराण है तू नवीन है, तू प्रगट भी हो के विलीन है
तू ही चिर-समाधि में लीन है,ये जगत भी तेरे अधीन है
तू ही ज्ञान, ध्यान प्रवीन है, तू ही शंभु-शंभु महेश्वरम्
तू ही डम-ड-डम, तू ही बम-ब-बम, तू त्रयम्बकम्, तू शिव:-शिवम्
#mahashivratri #shivstuti #महाशिवरात्रि

शनिवार, 22 फ़रवरी 2025

सुबूतों से मिटा कर आ गया हूँ नाम सारे ...

करो साबित मेरे सर पे रखे इलज़ाम सारे.
सुबूतों से मिटा कर आ गया हूँ नाम सारे.

वो हारेंगे मगर दोहराएंगे यह बात फिर फिर,
चुनावों के अभी आने तो दो परिणाम सारे.

मुझे मेरे ही बच्चों ने मेरा बचपन दिखाया.
गए मेहमान बाहर, चट हुए बादाम सारे.

किसी से कब वफादारी निभाती हैं ये लहरें,
मिटा डालेंगी गीली रेत से पैगाम सारे.

पसीने की महक से दूर तक नाता नहीं है,
मगर हैं चाहते उनको मिलें आराम सारे.

सलाखों की घुटन कुछ पल कभी महसूस करना,
परिंदे छोड़ दोगे पिंजरे से उस शाम सारे.

भटकता है तो मन है खोजता हर दर पे खुशियाँ,
सुकूने दिल है तो घर में सभी हैं धाम सारे.
#स्वप्न_मेरे

सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

परिन्दे ले ही जाते हैं उड़ा कर ...

तस्सवुर खूबसूरत सा छुड़ा कर.
हक़ीकत ले ही आती है उठा कर.

इबादत पर सियासत हो जहाँ पे,
निकल जाओ वहाँ से सर झुका कर. .

उन्हें भी प्यार हमसे हो गया है,
कभी तो बोल दें वो मुस्कुरा कर.

सभी क़ानून इनकी जेब में हैं,
बरी हो जाएँगे सब कुछ चुरा कर.

मिटेंगे दाग़ लेकिन याद रखना,
कमीजें फट भी जाती हैं धुला कर.

न उनको भूल पाए हम कभी भी,
चले आये थे यूँ सब कुछ भुला कर.

शिकारी जाल जितने भी बिछा लें,
परिन्दे ले ही जाते हैं उड़ा कर.
#स्वप्नमेरे

शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025

लाइफ़ लाइन …

आज के ख़ास दिन की, हमारी Life Line के जनम-दिवस की, हमारे खिलते हुए जंगली गुलाब को बहुत बहुत शुभकामनाएँ … उनके नाम …
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तू भले ही पार पचास है,मेरी चाय की तू मिठास है
जो बुझी नहीं है अभी तलक, तू वो तिशनगी तो वो प्यास है
तू है मेरे इश्क़ का तर्जुमा, तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया

मुझे जुगनुओं की तलाश थी, ये चराग़ तूने जला दिया
मेरे साथ साथ रही सदा, मुझे ज़िंदगी से मिला दिया
मेरे हम-सफ़र मेरी हम-नवा, तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया

ये हसीन पल की जो रात है, तेरे मेरे बीच की बात है
तुझे क्या बताऊँ में दिल-रुबा, यही ज़िंदगी की हयात है
ये सफ़र जो साथ है तय किया,तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया
#जंगली_गुलाब 

शनिवार, 1 फ़रवरी 2025

हमको अपनों ने मिल के लूटा है ...

बाद मुद्दत वो हमसे रूठा है.
दिल किसी बात पर तो टूटा है.

मन्नतें हो रहीं है सब पूरी,
कैसे कह दूँ शजर ये झूठा है.

छोड़ आये उसी मोहल्ले को,
जिस जगह वक़्त हमसे छूटा है.

कुछ हकीकत चुभी है पैरों में,
काँच का ख्व़ाब है जो टूटा है.

मैं उधर तुम इधर चली आईं,
चश्म-दीदी गवाह बूटा है.

याद के ढेर हैं जहाँ बिखरे,
वो ठिकाना ही अपना कूचा है.

दुश्मनों का इलाज था लेकिन,
हमको अपनों ने मिल के लूटा है.
#स्वप्न_मेरे